विदर्भ

‘मिशन आयपीडीएस’ अंतर्गत 254 शहरों को दर्जेदार विद्युत आपूर्ति

महावितरण देगा 1 करोड 15 लाख विद्युत ग्राहको को लाभ

नागपुर/दि.3 – राज्य के 254 शहरों में विद्युत वितरण यंत्रणा के विस्तारीकरण व सक्षमीकरण के लिए शुरू रहनेवाले एकात्मिक उर्जा विकास योजना के काम महावितरण ने पूर्ण किए है. इस योजना से राज्य के पूरे एक करोड 15 लाख शहरी विद्युत ग्राहको की विद्युत आपूर्ति और दर्जेदार हुई है.
शहरी क्षेत्र की बढती ग्राहक संख्या व आधुनिक जीवनशैली के चलते बिजली का बढता इस्तेमाल ध्यान में लेकर केन्द्र सरकार के एकात्मिक उर्जा विकास योजना अंतर्गत महावितरण ने 44 मंडल अंतर्गत 254 शहरों में विद्युत वितरण यंत्रणा के विस्तारीकरण व सक्षमीकरण के लिए विविध काम शुरू किए. इसमें 2011 की जणगनना के अनुसार 15 हजार से ज्यादा जनसंख्या रहनेवाले शहर का चयन किया गया. इन शहरों में घरेलू, वाणिज्यक, औद्योगिक व अन्य विद्युत ग्राहको को अखंड एवं योग्य दबाव की विद्युत आपूर्ति करना, नये विद्युत कनेक्शन देने के लिए विद्युत यंत्रणा का विस्तारीकरण,सक्षमीकरण व आधुनिकीकरण करना तथा विद्युत नुकसान कम करना और उसके उचित नापजोक के लिए यानी उर्जा अंकेक्षण के लिए ग्राहक, रोहित्र व फीडर को योग्य क्षमता का मीटर लगाना आदि काम किए गये है.
पिछले सवा वर्ष के कोरोना काल की मुश्किल चुनौती का सामना करते समय महावितरण में एकात्मिक उर्जा विकास योजना के 2 हजार 300 करोड रूपये खर्च के काम पूर्णत्व में लाए है. इसमें प्रस्तावित 120 नये उपकेन्द्रों में से 119 उपकेन्द्र कार्यान्वित हुए है तथा 100 में से 100 उपकेन्द्रों की क्षमतावृध्दि की गई है. नया वितरण रोहित्र का 4 हजार 987 में से 4 हजार 970 काम पूर्ण हुए है. प्रस्तावित सभी 4 हजार 207 रोहित्र की क्षमतावृध्दि की गई है. उच्च व लघुदाब के 3 हजार 348 में से 3 हजार 42 किलोमीटर विद्युत वाहिनियों का काम पूर्ण किया गया है तथा पूरे 6 हजार 694 किलोमीटर के भूमिगत विद्युत वाहिनी का एरियल वंच काम पूर्ण हुआ है. साथ ही शहरी क्षेत्र में 5 लाख 30 हजार 340 नये विद्युत कनेक्शन का उद्देश्य पूर्ण किया गया है. महत्व की आयपीडीएस योजना पूर्ण किए जाने से राज्य के 254 शहरों की 1 करोड 15 लाख 15 हजार 600 ग्राहको को होनेवाली विद्युत आपर्ति अब अधिक दर्जेदार हुई है.

देश में सर्वाधिक भूमिगत विद्युत वाहिनी महाराष्ट्र में

एकात्मिक उर्जा विकास योजना से महावितरण ने देश में सर्वाधिक 4 हजार 364 किलोमीटर लंबी विद्युत वाहिनी प्रस्तावित की. उसका काम 100 प्रतिशत पूर्ण किया है. शहरी क्षेत्र में उपरी वाहिनियों का जाल कम करना, यंत्रणा में बिगाड का प्रमाण कम होना चाहिए तथा शहर के सौंदर्यीकरण को बढावा देने के लिए भूमिगत वाहिनियों को प्राथमिकता दी गई. उसी तरह अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में सर्वाधिक भूमिगत विद्युत वाहिनियों का काम पूर्ण हुआ है. यह इस योजना का उद्दिष्ट रहा है.

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