विदर्भ

बलात्कारी बाप को आजीवन सश्रम कैद

वर्धा न्यायालय का फैसला

  • सुनवाई के दौरान छह गवाह जांचे

वर्धा प्रतिनिधि/दि.13 – सगी बेटी पर बलात्कार करने वाले सोरटा गांव के निवासी आरोपी नराधम बाप को अति विशेष जिला न्यायाधीश-1 सूर्यवंशी की अदालत ने बाल लैगिंक अत्याचार प्रतिबंधक कानून की धारा 6 के अनुसार उम्रकैद की सजा व 2 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 6 माह सश्रम कैद तथा धारा 4 के अनुसार 10 वर्ष सश्रम कैद व 1 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 5 महिने सश्रम कैद और दफा 506 के तहत 2 वर्ष सश्रम कैद व 500 रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 2 महिने की साधी कैद की सजा सुनाई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडिता यह आरोपी की सगी बेटी है. घर पर कोई न रहते समय आरोपी नराधम बाप ने पीडिता पर बलात्कार किया. आरोपी इतने पर ही नहीं थमा तो उसने घटीत प्रकार किसेे बताया तो जान से मारने की धमकी दी. पिता की ओर से बार-बार शारीरिक शोषण होते समय पीडिता की सहनशक्ति का बांध टूटा. उसने ढाढस पर मौसी समेत मां को उसके साथ घटीत समूची घटना बतायी. पीडिता को धीर देते हुए पीडिता के परिजनों ने सावंगी मेघे पुलिस थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज की. इस शिकायत पर पुलिस ने अपराध की नोंद की है. इस मामले की समूची जांच तत्कालीन थानेदार संतोष शेगावकर के मार्गदर्शन में तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक मिलिंद पारडकर ने पूर्ण कर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया. इस मामले में 6 गवाहों का परिक्षण किया गया. गवाहों के बयाण और दोनों पक्षों की दलीलों को ध्यान में रखकर न्यायाधीश सूर्यवंशी ने आरोपी को यह सजा सुनाई. सरकार की ओर से एड.विनय घुडे ने दलीलें दी. पैरवी अधिकारी के रुप में नायब पुलिस सिपाही भारती कारंडे ने काम संभाला.

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