विदर्भ

हाईकोर्ट से रेड्डी को वापस लेनी पडी जमानत याचिका

दीपाली चव्हाण आत्महत्या का मामला

नागपुर/दि.11 – हरिसाल की वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले के आरोपी अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एम.श्रीनिवास रेड्डी ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दर्ज की जमानत याचिका वापस ले ली है. दरअसल जांच अधिकारी ने इस मामले की चार्जशीट न्यायालय में पेश की है. इसी कारण रेड्डी को न्यायालय में तकनीकी रुप से जमानत याचिका दायर करनी पडेगी. पिछले मई माह में नागपुर खंडपीठ ने रेड्डी को अंतरिम राहत दी थी, लेकिन गुरुवार को रेड्डी के अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने निचली अदालत में अर्जी दाखल करने की इच्छा दर्शाते हुए हाईकोर्ट से आवेदन वापस लेने की अनुमति मांगी. न्यायालय ने भी उन्हें अनुमति प्रदान की है.
खौरतलब है कि अमरावती जिले की हरिसाल वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण ने वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताडना से तंग आकर आत्महत्या की थी. उन्होंने एक सुसाइड नोट में लिखा था कि उन्हें आत्महत्या के लिए प्रवृत्त किया गया. उस सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने के मामले में रेड्डी को आरोपी बनाया गया है. रेड्डी ने सबसे पहले सत्र न्यायालय में अग्रीम जमानत के लिए आवेदन दाखिल किया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने रेड्डी को नागपुर से गिरफ्तार किया था. कुछ दिनों पहले रेड्डी ने अपराध रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके चलते कोर्ट ने नोटीस जारी करते हुए कोर्ट में चार्जशीट पेश नहीं करने के पुलिस को आदेश दिये थे, लेकिन अब खूद रेड्डी ने ही जमानत याचिका वापस ले ली है.

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