नागपुर प्रतिनिधि/दि.२० – विदर्भ में इस बार संतरे का बडे प्रमाण में उत्पादन हुआ है. जिसमें अंबीया बार में शत-प्रतिशत संतरा उत्पादन हुआ है. ज्यादा उत्पादन व अधिक आवक की वजह से संतरे को अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे. दाम घटने से संतरा उत्पादक किसानों की qचता बढ गई है. किसानों को संकट से किसी भी रुप में निजात नहीं मिल पा रही है. अधिक उत्पादन हो, तो भी किसानों पर संकट छाया रहता है. कम उत्पादन हो, तब भी किसान परेशान हो जाते है. अंबिया बहार से निराश हो चुके संतरा उत्पादकों की आस अब मृग बहार पर टिकी है. मृग बहार में उत्पादन कम होने से संतरा उत्पादक किसानोें को संतरे के अच्छे दाम मिलते है. व्यापारियों ने अभी से ४० हजार रुपए टन के हिसाब से किसानों के साथ सौदा किया है. मृग बहार जनवरी से अप्रैल माह के बीच आता है. इसलिए किसानों को अंबीया बहार में हुए नुकसान की भरपाई मृग बाहर में होने की उम्मीद है.
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संतरा निर्यात योजना खटाई में
केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितीन गडकरी की पहल पर बंगला देश में संतरा भेजने के लिए विशेष माल गाडिया चलाने की योजना बनाई गई थी. ३० डिब्बों वाली इस मालगाडी के लिए वरुड में तो प्लेटफार्म बन गया है. qकतु बंगला देश सरकार की उदासीनता के कारण वहां पर प्लेटफार्म नहीं बनने के वजह से संतरा निर्यात करने की योजना खटाई में पड गई. यहीं यह ट्रेन चलती है, तो सडक मार्ग से बंगला देश तक भेजे जाने वाले संतरे को २० से ३० प्रतिशत का खर्चा बच सकता है.