विदर्भ

रिफायनरी से होगी 6 हजार करोड की बचत

पेट्रोकेमिकल रिफायनरी से ही औद्योगिक विकास संभव

नागपुर/प्रतिनिधि दि.६ – विदर्भ में पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की दिशा में कदम उठाना शुरु हो जाने से रिफायनरी स्थापन होने का मार्ग लगभग बंद हुआ है. किंतु रिफायनरी का समर्थन करने वाले तज्ञ अभी भी निराश नहीं हुए. अगर विदर्भ में पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के साथ ही रिफायनरी भी आयी तो औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, इसके अलावा इंधन से ही 6 हजार करोड की बचत होगी, ऐसा दावा किया गया है.
वर्तमान स्थिति में नागपुर में स्थित पेट्रोलियम कंपनियों के डिपो में इंधन आता है. रिफायनरी बनी तो पाईप लाइन के माध्यम से क्रुड ऑईल आयेगा. फिलहाल रिफायनरी से इंधन लाने के लिए प्रति लीटर लगभग 4 रुपए का खर्च होता है. पाईप लाइन से क्रुड ऑईल लाया तो यह खर्च 30 पैसे प्रति लीटर होगा. रिफायनरी से आने वाले 6 करोड टन क्रुड ऑईल में 30 प्रतिशत इंधन का उत्पादन होगा. इसी तरह मध्य भारत के जबलपुर, रायपुर जैसे शहर में पाईप लाइन डालकर पेट्रोलियम उत्पादनों का यातायात खर्च बचाया जा सकता है. मुंबई-मनमाड में यह प्रकार सफल हुआ है. इस समूची प्रक्रिया में वर्तमान की तुलना में 6 हजार करोड की बचत होगी. इस तरह का दावा किया जा रहा है. इस प्रकार से क्रुड ऑईल के 40 प्रतिशत हिस्से से पेट्रोकेमिकल उत्पादन तेैयार होगा. कृषि, औषधि, फर्निचर, ऑटो मोबाइल, टैक्सस्टाईल उद्योग को इसका लाभ होगा. विदर्भ में इस क्षेत्र के साथ जुडे हुए उद्योग आयेंगे. इसी तरह क्रुड ऑईल के बचे हुए घटको से पेट कोक तैयार होगा. उसका उपयोग डामर के रुप में हो पायेगा.

  • विदर्भ में आयेगी औद्योगिक क्रांती

रिफायनरी आने के बाद विदर्भ में औद्योगिक क्रांती आयेगी. पेट्रोल-डीजल की कीमतें नियंत्रीत होगी. साथ ही अन्य उद्योगों को भी इसका लाभ होगा. एमआईडीसी व मीहान में खाली पडे भूखंड की मांग बढेगी, इस तरह के विचार रिफायनरी-पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के तज्ञ प्रदीप माहेश्वरी ने व्यक्त किये.

  • रिफायनरी के अन्य फायदे

– रिफायनरी को पानी देने से मनपा का उत्पन्न बढेगा.
– रिफायनरी 100 करोड खर्च कर विदर्भ के बांध स्वच्छ कर पानी संग्रह क्षमता बढेगी. विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल को लाभ होगा.
– समृध्दि महामार्ग के पास से पाईप लाइन डालने पर एमएसआरडीसी को 50 पैसे प्रति लीटर के दर से किराया मिलेगा. महामार्ग निर्माण के लिए लिया गया कर्जा 5 वर्षों में खत्म होगा.
– ग्रिन रिफायनरी रहने से इससे निकले वाले सल्फर का उपयोग खाद बनाने के लिए होगा.
-रिफायनरी के आसपास कृषि, औषध, फर्निचर, ऑटोमोबाइल, टेक्सस्टाईल उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा.

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