विदर्भ

आरोपी को बलात्कार के अपराध से मुक्त करने से किया मना

मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ का फैसला

नागपुर/दि.20 – मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने एक बलात्कार के अपराध में युवक को अपराध मुक्त करने से मना कर दिया और उसकी ऐसी अपील खारिज कर दी. बलात्कार के कारण लडकी के शरीर व मन पर आघात होता है. उसके जीवन पर स्थायी तौर पर काफी असर होता है, ऐसा मत यह निर्णय सुनाते समय अदालत ने व्यक्त किया.
प्रथमेश सुरेंद्र सोहले (24) यह आरोपी का नाम है. वह अमरावती जिले के तिवसा तहसील स्थित कुर्हा का रहने वाला है. 3 अगस्त 2022 को सत्र न्यायालय ने अपराध मुक्ति के आवेदन को खारिज कर दिया था. तब उसने उस फैसले को चुनौति देते हुए उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में अपील दायर की थी. उस अपील पर न्यायमूर्तिद्बय विनय जोशी व वाल्मिकी मेनेझेस के समक्ष सुनवाई ली गई. पीडित लडकी 22 वर्ष की है. उसने विवाह के लिए दिसंबर 2020 में एक वेबसाइड पर नाम दर्ज किया था. इसके कारण आरोपी ने लडकी से संपर्क साधा और उससे मुलाकात कर विवाह करने की इच्छा व्यक्त की थी. इसका लाभ उठाते हुए उसने लडकी पर बलात्कार किया.

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