विदर्भ

राहत की घोषणा कागजों पर सिमटी

फडणवीस ने कहा सरकार आणेवारी का करें विचार

नागपुर/प्रतिनिधि दि.२ – नैसर्गिक आपत्ति के लिए सरकार व्दारा की गई अब तक की सभी घोषणा हवा में ही लुप्त हो गई. खेती पर आये संकट के लिए आणेवारी के आधार पर सरकार व्दारा तुरंत मदद का विचार किया जाये, ऐसी सलाह विधानसभा के विरोधी पक्ष नेता देवेन्द्र फडणवीस ने दी.
नैसर्गिक आपत्ति की जांच के लिए राज्य के प्रमुख या मंत्रियों का दौरा होने पर प्रशासन काम में लगता है. विधान परिषद के विरोधी पक्षनेता प्रवीण दरेकर के साथ वाशिम जिले से दौरा शुरु करने वाले हैं. विदर्भ व मराठवाड़ा की स्थिति को देख किसानों को अधिकाधिक मदद मिले, इसके लिए प्रयास किये जाने की जानकारी देवेन्द्र फडणवीस ने यहां पत्रकारों से बातचीत में दी.
नैसर्गिक आपत्ति के लिए सरकार व्दारा अब तक की गई एक भी घोषणा की पूर्ति नहीं की है. ये सभी घोषणाएं कागजों पर रह गई और किसानों तक मदद नहीं पहुंची. कोकण, उत्तर महाराष्ट्र, पश्चिम महाराष्ट्र, पूर्व विदर्भ के सभी भागों में आपत्ति के समय राज्यकर्ताओं की घोषणा पूरी नहीं हुई, ऐसा दावा भी उन्होंने किया. मुंबई के सागर हद्द का लेखाजोखा हमारी सरकार के समय में ही केंद्र की मंजूरी के लिए भेजा. इसे मंजूरी मिले, इसके लिए लगातार प्रयास किया. केंद्र की मंजूरी के कारण बड़े पैमाने पर प्रकल्प को गति मिलेगी, सिडकी परिसर के अनेक प्रकल्पों को गति मिलेगी, ऐसा विश्वास भी फडणवीस ने व्यक्त किया.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोेले कुछ भी बोलते हैं.अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष बाबत भी बोल सकते हैं.इस कारण उनके प्रत्येक वक्तव्य को उत्तर देने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा बताकर फडणवीस ने अधिक बात करना टाल दिया.
राज्य के मुख्य सचिव व पुलिस महासंचालक को ईडी या सीबीआय की नोटीस भेजने के बारे में कोई भी जानकारी नहीं. प्रसार माध्यमों से ही चर्चा कानों पर आयी. इस बाबत किसी भी प्रकार की अधिकृत जानकारी प्राप्त नहीं हुई है. मुख्य सचिव व पुलिस महासंचालक दोनों पद महत्वपूर्ण होने से तर्क लगाकर बात करना उचित नहीं होगा, ऐसा भी देवेन्द्र फडणवीस ने कहा.

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