नागपुर प्रतिनिधि/दि.2 – दहेज बली व जादूटोणा मामले में पति व अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर नागपुर खंडपीठ ने रद्द किया है. यवतमाल जिले के वडगांव पुलिस स्टेशन में शिकायतकर्ता सपना तलाकर की शिकायत पर उसके पति अमोल व उसके अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. जिससे पुलिस ने भादंवि की धारा 498 (अ) व महाराष्ट्र नलबलि व अमानुष, अनिष्ठ व अघोरी प्रथा व जादूटोणा प्रतिबंधक कानून 2013 की कलम 3, 8, 10 के अनुसार अपराध दर्ज किया गया था.
आरोपियों के अनुसार उन्होंने शिकायतकर्ता को कभी भी तकलीफ नहीं दी. साथ ही उन्होंने कभी भी जादूटोणे का प्रकार भी नहीं किया. इससे उल्टा शिकायतकर्ता आरोपी के पास कुछ महिने रही और बाद में आरोपी पति व शिकायतकर्ता पत्नी के बीच खटके उडने से आपसी तलाक लेकर शिकायतकर्ता मायके चली गई थी. उसके बाद उसने यह झूठी शिकायत दर्ज की, ऐसा आरोपी का कहना है. आरोपी की ओर से रखा गया पक्ष तथा रेकॉर्ड पर सभी कागजातो की जांच पडताल कर न्यायामूर्ति झेड.ए.हक व न्यायमूर्ति अमित बोरकर ने स्पष्ट रुप से ऐसे विचार व्यक्त किये कि इस मामले में काफी देरी से शिकायत दी गई तथा आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत यह मोगम स्वरुप की है. सुप्रीम कोर्ट ने दिये हुए फैसले को ध्यान में रखकर आरोपी विरुध्द अपराध दर्ज ही नहीं करना चाहिए था, इस तरह के विचार व्यक्त कर आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के आदेश दिये गए. आरोपी की ओर से एड.अनिल ढवस ने पक्ष रखा.