संतरा और मोसंबी उत्पादक किसानों के साथ हुए अन्याय को दूर करें
विधायक भुयार ने सीएम शिंदे से की मांग
* विदर्भ में साइट्रस एस्टेट को 20 करोड, तो मराठवाडा को 40 करोड क्यों?
मोर्शी/ दि.29-राज्य के चार साइट्रस एस्टेट में से तीन विदर्भ में हैं और एक मराठवाड़ा में है. मराठवाड़ा और महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों की तुलना में, विदर्भ में संतरे और मेसांबी के अधिक बाग हैं, राज्य सरकार ने विदर्भ में तीन साइट्रस एस्टेट के लिए प्रत्येक को 20 करोड़ रुपए और मराठवाड़ा में एकमात्र साइट्रस एस्टेट को 40 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. इस पर मोर्शी विधानसभा क्षेत्र के विधायक देवेंद्र भुयार ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह अनुचित है.
राज्य सरकार ने संतरा और मोसंबी पर संशोधन कर गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन के लिए पंजाब की तर्ज पर मार्च 2019 में महाराष्ट्र के उमरखेड़ (मोर्शी, जिला अमरावती), ढिवरवाडी (काटोल, जिला नागपुर), तलेगांव (आष्टी, जिला वर्धा) और पैठण (जिला छत्रपति संभाजीनगर) इन चार सिस्ट्रस एस्टेट्स को मंजूरी दी. मंजूरी के समय, विदर्भ में तीन साइट्रस एस्टेट को 12-12 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि पैठण साइट्रस एस्टेट को 25 करोड़ रुपये दिए गए थे. मौजूदा बजट में, राज्य सरकार ने विदर्भ में तीन साइट्रस एस्टेट के लिए 20-20 करोड़ रुपये और पैठन साइट्रस एस्टेट के लिए 40 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. इसी तरह विदर्भ के संतरा व मोसंबी उत्पादक किसानों को 10 लाख रुपये स्वीकृत कर राहत देने का अनुरोध विधायक देवेंद्र भुयार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से किया है.
* निधि के अभाव में साइट्रस एस्टेट के कार्य ठप
इस निधि से से मृदा परीक्षण एवं लीफ एनालिसिस लैब, हाईटेक नर्सरी का निर्माण एवं प्रूनिंग मशीन सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य किये जाने हैं. विदर्भ में साइट्रस एस्टेट में से प्रत्येक को डेढ़ से दो करोड़ रुपये ही दिए गए. निधि के अभाव में जरूरी काम रुके हुए हैं.
* संतरा व मोसंबी का विदर्भ में सबसे बडा क्षेत्र
महाराष्ट्र में 1 लाख 19 हजार 886 हेक्टेयर में संतरे के बाग हैं. इसमें से 1 लाख 9 हजार 953 हेक्टेयर संतरे के बाग अकेले विदर्भ में, 3 हजार 020 हेक्टेयर मराठवाड़ा में और 6 हजार 913 हेक्टेयर शेष महाराष्ट्र में हैं. राज्य में मोसंबी बागान का कुल क्षेत्रफल 64 हजार 812 हेक्टेयर है. विदर्भ में 12 हजार 688 हेक्टेयर, मराठवाड़ा में 48 हजार 793 हेक्टेयर और शेष राज्य में 3 हजार 332 हेक्टेयर मोसंंबी बगीचे हैं.
सरकारी की उदासीन नीति
विदर्भ में साइट्रस एस्टेट सरकार की उदासीन नीति के कारण सफल नहीं हो रहे हैं और अभी भी साइट्रस एस्टेट्स को पूर्णकालिक स्वतंत्र अधिकारी नहीं सौंपा गया है. राशि का भुगतान समय पर नहीं किया जाता है. जब महत्वपूर्ण कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता होती है तो कार्य में तेजी नहीं लायी जाती है. क्योंकि प्रभारी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है. सबसे ज्यादा नुकसान विदर्भ में संतरा और मोसंबी उत्पादकों का हो रहा है.
– देवेंद्र भुयार, विधायक
पूरक उद्योग बनाने की पहल जरूरी
प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को नई तकनीक की जानकारी देकर संतरा उत्पादकों को उचित मूल्य पर बाग प्रबंधन की आधुनिक सुविधा उपलब्ध करायी जाए, संतरा निर्यात को बढ़ावा देने के लिये टूल बैंक की स्थापना की जाए तथा कृषकों को तकनीकी की भी गुंजाइश प्रदान की जाए. इतना ही नहीं, सरकार को पैकेजिंग, भंडारण, विपणन, परिवहन, प्रसंस्करण और निर्यात के माध्यम से बड़े पैमाने पर पूरक उद्योग बनाने की भी पहल करनी चाहिए.
-प्रकाश विघे, संचालक
कृषि उपज बाजार समिति मोर्शी.