विदर्भ

१९ साल के बाद लिया पिता के खून का बदला

नागपुर में घटित हत्याकांड में सामने आयी जानकारी

  • १९ वर्ष पहले बाल्या ने की थी चेतन के पिता की हत्या

  • चेतन ने अपने साथियों के साथ बाल्या को उतारा मौत के घाट

  • पुलिस ने मात्र बारह घंटे के भीतर चारों आरोपियों को किया गिरफ्तार

नागपुर प्रतिनिधि/दि.२८ – दो दिन पूर्व भोले पेट्रोल पंप के निकट करीब ७ से ८ लोगों ने सुनियोजीत ढंग से हमला करते हुए कार में सवार बाल्या उर्फ किशोर बिनेकर को धारदार हथियारों से सपासप वार कर बीच सडक पर मौत के घाट उतार दिया था. इस घटना के सीसीटीवी फुटेज की वीडियो क्लिप देखते ही देखते वायरल हो गयी थी और इस घटना की वजह से उपराजधानी में जबर्दस्त हडकंप भी मच गया था. पश्चात नागपुर पुलिस ने मात्र १२ घंटे के भीतर इस वारदात में शामिल चार लोगोें को गिरफ्तार करते हुए इस हत्याकांड का पर्दाफाश किया. जिसमें पता चला कि, इस हत्याकांड में मारे गये बाल्या बिनेकर ने १९ साल पहले वर्ष २००१ में इस हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार चेतन सुनिल हजारे (३०) के पिता सुनिल हजारे सहित उसके एक अन्य रिश्तेदार की हत्या की थी और अपने पिता की हत्या का बदला लेने हेतु चेतन हजारे ने १९ वर्ष बाद अपने साथियों के साथ मिलकर बाल्या बिनेकर को सरेआम व सरेराह मौत के घाट उतार दिया. जानकारी के मुताबिक बाल्या बिनेकर के पिता एकनाथ बिनेकर का लालगंज परिसर में सावजी भोजनालय है और उसने वर्ष २००१ में अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ मिलकर सुनील हजारे व उसके अमरावती निवासी एक रिश्तेदार की नृशंस हत्या की थी. इस वारदात में हजारे का एक अन्य रिश्तेदार बाल-बाल बच गया था. इस दोहरे हत्याकांड के चलते उस समय उपराजधानी में जबर्दस्त हडकंप मच गया था. उस वक्त सुनील हजारे का बेटा चेतन हजारे अल्पवयीन था और वह अपने पिता की हत्या के बाद अपने रिश्तेदारों के साथ बोरकर नगर में रहने आ गया. उधर इस दोहरे हत्याकांड के बाद उपराजधानी के अपराध जगत में बाल्या बिनकर का दबदबा कायम हो गया और वह देखते ही देखते नागपुर में जुआ qकग के तौर पर पहचाना जाने लगा. उधर वक्त बितने के साथ ही चेतन हजारे बडा हो गया और उसने अपराध जगत में कदम रखने के साथ ही विभिन्न अपराधिक वारदातों को अंजाम देना शुरू किया. जिसमें खुनी हमले करने, हथियार रखने, मारपीट करने और हफ्ता वसूली करने जैसी वारदातों का समावेश था. इन अपराधिक वारदातों को देखते हुए चेतन को तडीपार भी किया गया था और अपराध जगत में अपना सिक्का चल पडने के साथ ही चेतन ने अपने पिता के हत्यारे बाल्या बिनकर से बदला लेने का निर्णय लिया. जिसके बाद उसने अपने साथियों की सहायता से बाल्या बिनकर को मौत के घाट उतारने की योजना बनायी और पिछले दस दिनों से चेतन और उसके साथीदार बाल्या बिनकर का पीछा करते हुए उस पर नजर बनाये हुए थे. पश्चात शनिवार की दोपहर इन लोगों ने भोले पेट्रोल पंप के पास बाल्या बिनकर को घेरा और उस पर धारदार हथियारों से लैस होकर हमला करने के साथ ही उसे बीच राह में मौत के घाट उतार दिया. राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख के घर से कुछ ही दूरी पर घटित इस हत्याकांड की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे सहित समूचे शहर में जबर्दस्त खलबली व्याप्त हो गयी. इसी दौरान भोले पेट्रोल पंप के निकट लगे सीसीटीवी कैमेरे का वीडियो फुटेज भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लगा. पश्चात सिताबर्डी पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज करते हुए इस मामले की जांच शुरू की और महज १२ घंटे के भीतर इस हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार चेतन सुनिल हजारे (३०), रजत राजा तांबे (२२), आसीम विजय लुढेरकर (२८) तथा भरत राजेंद्र पंडित (२२, सभी बारा सिग्नल, बोरकर नगर, ईमामवाडा निवासी) को गिरफ्तार किया. वहीं इस हत्याकांड में शामिल अनिकेत उर्फ अभिषेक मंथापुरवार (झिंगाबाई टाकली निवासी) फिलहाल फरार है. हिरासत में लिये गये आरोपियों ने पुलिस को इस हत्याकांड की पूरी कहानी और पाश्र्वभुमि बतायी. जिसके चलते यह तथ्य उजागर हुआ कि, चेतन ने १९ वर्ष पूर्व हुई अपनी पिता की मौत का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया है, लेकिन पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि, चूंकि चेतन का वास्ता शहर के अपराध जगत से है. ऐसे में कही बाल्या बिनकर के विरोधी गुट ने तो इस बदलेवाली कहानी की आड लेकर बाल्या बिनकर की हत्या तो नहीं करवायी. ऐसे में नागपुर पुलिस अब ‘परदे की आड‘ में रहकर इस हत्याकांड को अंजाम देनेवाले ‘मास्टर माइंड‘ की खोज कर रही है.

Related Articles

Back to top button