एकत्रित वनक्षेत्र बढ़ाने हेतु 13 प्रमुख नदियों का पुनरुज्जीवन
वनक्षेत्र 7 हजार 400 चौ.कि.मी. से बढ़ने की संभावना
नागपुर/दि.21- देश के एकत्रित वनक्षेत्र 7 हजार 400 चौरस किलोमीटर से बढ़ाने के लिए 13 प्रमुख नदियों का पुनरुज्जीवन करने की योजना हाल ही में घोषित की गई. इन 13 नदियों के वनक्षेत्र की वृद्धि का मूल्य 80.85 चौरस किलोमीटर से 1813.52 चौरस किलोमीटर तक होने की संभावना है. प्रस्तावित वनीकरण हस्तक्षेप के कारण दस वर्ष पुराने वृक्षारोपण के 50.21 दशलक्ष टन कार्बन डायऑक्साईड समतुल्य वहीं 20 वर्ष पुराने वृक्षारोपण में 74.76 दशलक्ष टन कार्बन डायऑक्साइड का मूल्य ढूंढने में मदद होगी.
13 नदियों के लँडस्केप के प्रस्तावित हस्तक्षेप के कारण प्रति वर्ष 1889.89 दशलक्ष घनमीटर भूजन पुनर्भरण होने में मदद मिलने वाली है. वहीं प्रति वर्ष 64 लाख 83 हजार 114 घनमीटर गाल भी कम होगा. इसके अतिरिक्त करीबन 449 करोड़ रुपए कीमत का गैरला कूड व अन्य वनोपज मिलने की संभावना है. 13 प्रमुख नदियों के पुनरुज्जीवन योजना के कारण करीबन 344 दशलक्ष मनुष्य दिन रोजगार निर्माण होने वाला है. विविध लँडस्केप में सहायक क्रियाकल्पों के लिए एवं नदी पुनरुज्जीवन दरमियान के प्रस्तावित वनीकरण हस्तक्षेप के लिए इस योजना में कुल 667 उपचार एवं वृक्षारोपण मॉडल अस्तित्व में है.
शहरी लँडस्केप में 116 विविध उपचार मॉडल, कृषि लँडस्केप में 97 उपचार मॉडल एवं नैसर्गिक लँडस्केप में 283 उपचार मॉडल अस्तित्व में है. यह संपूर्ण योजना पूर्णत्व में ले जाने के लिए संबंधित राज्य के वन विभाग के नोडल अधिकारी अन्य विभागों से जोड़े गए हैं.
* इन नदियों का समावेश...
केंद्रीय पर्यावरण, वन व हवामान बदल मंत्री भूपेन्द्र यादव ने 13 नदियों के पुनरुज्जीवन के लिए विस्तारपूर्वक प्रकल्प रिपोर्ट सोमवार को घोषित की.झेलम,चिनाब,रावी,बियास,सतलज, यमुना, ब्रह्मपुत्रा, लुनी,नर्मदा,गोदावरी, महानदी,कृष्णा एवं कावेरी इन नदियों का पुनरुज्जीव प्रकल्प में समावेश है.