विदर्भ

अंजनगांव-दर्यापुर मार्ग पर पकता है चावल

चावल तस्करों के अंजनगांव से परतवाडा कनेक्शन

* दर्यापुर का रेचा बना तस्करी का अड्डा
परतवाडा/ दि. 6– विदर्भ में बडे पैमाने पर आने वाला सरकारी चावल निजी तौर पर खरीदकर उसकी बडे पैमाने में तस्करी की जा रही है, ऐसा पुलिस व अनाज आपूर्ति विभाग के छापामार अभियान में उजागर हुआ है. परंतु अकोट के बाद अंजनगांव सुर्जी से भी परतवाडा के तस्करों के पास चावल पहुंचा है ऐसी जानकारी सामने आयी है.
अमरावती जिले का चावल अकोट, अंजनगांव समेत अन्य स्थानों पर कबाड विक्रेता व कुछ सीधे खरीददार परतवाडा में लाकर उसकी बडे पैमाने पर गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर परिसर में बेचते है, ऐसा सामने आया है. बकायदा प्रशासन के छापामार कार्रवाई में यह जानकारी उजागर हुई है. उसके बाद भी बिनधास्त तस्करी शुरु है. गरीबों को मुफ्त मिलने वाला चावल जरुरत से ज्यादा मिलने के कारण उसे खुले बाजार में बेचा जाता है. उसपर शासन के नियम देखते हुए आपूर्ति विभाग भी विवश हो गया, मगर वहीं चावल ज्यादा कीमत में हो रही बिक्री से तस्करों के मामले सामने आये है. भले ही तस्करों में भय का वातावरण है, फिर भी धडल्ले से तस्करी शुरु है.

दर्यापुर मार्ग के रेचा से सीधे परतवाडा
अंजनगांव से दर्यापुर मार्ग पर स्थित एक कपास के रेचे पर बडे पैमाने में चावल जमा किया जाता है. वहां चावल का भंडारण होने के बाद तडके या रात के समय परतवाडा के बंटी के एमआईडीसी को अन्य स्थानों पर रहने वाले गोदामों में पहुंचाया जाता है, ऐसी जानकारी है. दर्यापुर मार्ग के उस रेचे पर पकने वाली खिचडी चर्चा में आयी है.

अंजनगांव का उमेर चर्चा में
सरकारी राशन का अनाज राशन दुकान तक पहुुंचाने की योजना की जिम्मेदारी संभालने वालों का भी इसमें समावेश है. जिसके कारण गरीबों वितरित करने से पहले ही वह चावल सीधे तस्करों तक पहुंचाया जाता है, ऐसी सूत्रों व्दारा विश्वसनीय जानकारी मिली है. इसमें अंजनगांव का मोहम्मद उमेर चर्चा में आया है.

 

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