विदर्भ

आर्वी में वृक्ष प्राधिकरण की वैधता दिखाने के लिए रेकॉर्ड में हेराफेरी

हाईकोर्ट की गंभीर दखल: रेकार्ड प्रस्तुत करने के निर्देश

नागपुर/दि.14– वर्धा जिले की आर्वी नगर परिषद ने स्थानीय वृक्ष प्राधिकरण की वैधता सिध्द करने के लिए रेकॉर्ड मेें हेराफेरी करने का संदेह मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ को बुधवार को आया. जिसके कारण संबंधित रेकॉर्ड न्यायालय मेें प्रस्तुत करने के निर्देश नगर परिषद को दिए गये. यह रेकॉर्ड गुरूवार को प्रस्तुत करना है.

नगर परिषद द्बारा स्थापित स्थानीय वृक्ष प्राधिकरण ने सार्वजनिक निर्माण कार्य कार्यालय के राष्ट्रीय महामार्ग विभाग को शहर के रास्ते का चौडाईकरण करने के लिए 78 पेड काटने की अनुमति दी है. उसमें से 56 पेड हेरिटेज है. जिसके कारण सामाजिक कार्यकर्ता श्रीकांत देशपांडे ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दर्ज की है.

पेड काटने की अनुमति देेनेवाले वृक्ष प्राधिकरण में दो ही सदस्य शामिल थे. वृक्ष संवर्धन कानूननुसार वृक्ष प्राधिकरण मे पांच सदस्यों का समावेश आवश्यक है.

इसके साथ अन्य विविध बातों को ध्यान में रखकर विवादग्रस्त अनुमति परवानी अवैध निर्धारित कर रद्द की जाए, ऐसा देशपांडे का कहना है. दौरान नगर परिषद ने वृक्ष प्राधिकरण की वैधता सिध्द करने के लिए 18 दिसंबर को जारी किए गये पत्र की जानकारी न्यायालय को दी. उसनुसार 49 वा क्रमांक का पत्र तीन सदस्य तथा 837 व 840 वे क्रमांक का पत्र अन्य दो सदस्यों के समावेश के लिए जारी किया गया है. उस पर न्यायालय ने संदेह व्यक्त किया है. नगर परिषद एक ही दिन मेंं इतनी बडी संख्या में पत्र कैसे जारी कर सकते है. ऐसा सवाल न्यायालय ने उपस्थित किया. व आवक -जावक का रजिस्टर प्रस्तुत करने का नगर परिषद को निर्देश दिया. याचिकाकर्ता द्बारा एड. कृष्णा अग्रवाल तथा नगर परिषद द्बारा एड माधव लाखे ने पैरवी की.

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