विदर्भ

सस्ती बिजली के लिए आंकड़ों में हेराफेरी

ग्राहको से वसूली जा रही मोटी रकम

नागपुर प्रतिनिधि/दि. २४ – आंकड़ों में फेरफार कर ग्राहको से वसूली करने का कारनामा बिजली कंपनी की ओर से किए जाने का आरोप लगातार किया जा रहा था. राज्य की बिजली निर्मिति कंपनी महानिर्मिति ने अन्य प्रतिस्पर्धा बिजली निर्मिति कंपनियों की तुलना में कृत्रिम पध्दति से बिजली निर्मिति करने का दिखाते हुए महावितरण को बिजली बिक्री किए जाने का आरोप अब लगाया जा रहा हैे. इसलिए आंकड़ों की हेरफेर कर सस्ती बिजली निर्मिति दिखाई जा रही है. इसके लिए आनेवाला खर्चा महानिर्मिति राज्य के ग्राहको से वसूल करेगी. इससे ग्राहको को आर्थिक शॉक लगने की संभावना बढ़ गई है. महानिर्मिति के इस कारनामे पर निजी बिजली कंपनियों ने भी आपत्ति जताई हैे.खुले बाजार में बिजली मेरिट ऑर्डर डिस्पेक्ट तत्व पर खरीदी के लिए उपलब्ध होती है.इसलिए जिस कंपनी के बिजली दर सस्ते होते है. उनकी बिजली पहले खरीदी जाती है. लेकिन महावितरण ने इस तत्व का उल्लंघन किया हैे. जून माह से महावितरण की ओर यह कारनामा शुरू होने की जानकारी अन्य बिजली निर्मिति कंपनियों ने दी है. अन्य बिजली निर्मिति कंपनियों के दावे के अनुसार महानिर्मिति की ओर से खुले बाजार में बिजली बेचते समय कोयले का सरचार्ज व कोयला कंपनी की ओर से लिए जानेवाले कोयले का दर्जा व अन्य प्रकार के खर्चो को जोड़ा नहीं जाता.इसलिए महानिर्मिति की बिजली अपने आप कम दरों में उपलब्ध होती है. लेकिन आंकडों में फेरफार करने का झटका बाजार की अन्य कंपनियों को लग रहा है. इन कंपनियों के अनुसार उनके पास से बिजली बाजार में खरीदी के लिए जिस शुल्क में उपलब्ध कराई जाती है.इसमें उपरोक्त सभी खर्चो का समावेश किया जाता है. लेकिन महानिर्मिति ऐसा कुछ भी नहीं करती है. उनको इसका लाभ मिल रहा है. महानिर्मिति कंपनी का मुख्य कोयला आपूर्तिदार रहनेवाले वेस्टर्न कोल फील्स लिमिटेड की ओर से खदान के अनुसार प्रत्येक मीट्रिक टन कोयले पर ४५० रूपये शुल्क लिया जाता है. लेकिन महानिर्मिति मेरिट आर्डर डिस्पेच में यह खर्चा जोड़ते नहीं है. इसलिए अन्य कंपनियों की तुलना में महानिर्मिति की बिजली सस्ती साबित होती है.
कोयले के दरों के संदर्भ में वेकोली के मुख्य प्रबंधकीय संचालक राजीव मिश्रा ने बताया कि महानिर्मिति कोयले के वृध्दिगत दर देने के लिए तैयार है. कंपनी के राष्ट्रीय नीति के अनुसार कंपनी की ओर से कोयला खरीदनेवालों से यह दर वसूले जा रहे है.

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