विदर्भ

चिखलदरा के सरकारी उद्यान में सप्ताह भर में लगेगा आरओ प्लान्ट

वन परिक्षेत्र अधिकारी धाईत ने दी जानकारी

* खबर का असर, टैंकर से ही शुरु रहेगी जलापूर्ति
चिखलदरा/दि.10- दैनिक अमरावती मंडल द्वारा 8 मई को चिखलदरा सरकारी उद्यान में पेयजल नहीं इस शीर्ष के तहत प्रकाशित खबर से गुगामल वन्यजीव विभाग चिखलदरा के अधिकारियों में खलबली मच गई है. क्योंकि इन्हीं के अधीनस्त आने वाले इस गार्ड में पिछले 2 साल से नल कनेक्शन काट देने के कारण टैंकर से पानी लाया रहा था, मगर उसका उपयोग पीने के लिए नहीं बल्कि पौधों के लिए तथा सफाई के काम में लिया जा रहा था. तथा उस पानी की शुद्धता नहीं होने से आनेवाले सैलानियों को पिने के लिए पानी नहीं मिल रहा था. जिसके बारे में समाचार प्रकाशित होने के बाद आरएफओ धाईत ने बताया कि, एक सप्ताह भर में यहां आरओ प्लान्ट लगाकर सैलानियों के लिए पेयजल की व्यवस्था की जाएगी. आरएफओ से पूछा गया कि विगत दो साल से काट दिए गए नल कनेक्शन को जोडने के लिए प्रयास क्यों नहीं किए गए? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि, शासन से फंड नहीं डिमांड करेंगे.

उद्यान में प्रति व्यक्ति 20 रुपए प्रवेश शुल्क से मिलने वाली रकम से व्यवस्था क्यों नहीं की गई, यह अनुत्तरीय है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस गार्डन में इन्हीं अधिकारियों द्वारा तथा इसी विभाग द्वारा चालू सालभर में 70 से 80 ालख रुपए के पेविंग ब्लॉक, चेनलींग कम्पाउंड, रंगरोगन, तथा अन्य काम करवाये गए. उसके लिए अधिकारियों ने पूरी ताकत लगा दी. किंतु पेयजल जैसे मुख्य विषय को विगत दो साल से लंबित रखा तथा नल कनेक्शन जोडने के लिए 5 लाख रुपए की व्यवस्था अधिकारी नहीं कर पाये. इस पर से उनका उद्देश्य तथा लक्ष्य ध्यान में आता है. किंतु खबर प्रकाशित होते ही आरओ प्लान्ट लगाने के लिए फंड उपलब्ध हो गया है. जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई होना जरूरी है. साथही 20 रुपए प्रतिव्यक्ति के प्रवेश शुल्क से आने वाले पैसों का उपयोग कहा और कैसे किया जा रहा है. इसकी भी जांच होनी चाहिए, ऐसी जनमानस में चर्चा है. बताया जा रहा है कि, 20 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क से सालाना 10 से 15 लाख रुपए जमा होते है.

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