नागपुर/दि.21- बालासाहब ठाकरे समृद्धि महामार्ग पर एक माह के अंदर 800 से अधिक दुर्घटनाएं होेने पश्चात परिवहन विभाग ने उपाय योजना शुरु की है. चालकों को समुपदेशन के लिए 3 टीम तैनात की गई है. उसी प्रकार रोड सेफ्टी जानकारों के अनुसार यह दुर्घटनाएं ‘रोड हिप्नॉसिस’ के कारण हो रही है. नागपुर के आरटीओ रवीन्द्र भुयार ने इससे बचने के लिए 100 कि.मी. की दूरी तय करने पश्चात थोड़ा विश्राम करने की सलाह दी है.
क्या है ‘रोड हिप्नॉसिस’ ?
– ‘रोड हिप्नॉसिस’ एक शारीरिक स्थिति है जो अधिकांश चालकों के ध्यान में नहीं आती, अथवा उन्हें जानकारी नहीं होती.
– ‘रोड हिप्नॉसिस’ सड़क पर वाहन चलाते समय करीब 2.5 घंटे बाद शुरु होता है. सम्मोहित चालक की आंखें खुली रहती है किन्तु मस्तिष्क जो देख रहा है, वह रिकॉर्ड नहीं होता.
– सम्मोहित चालक को टक्कर होने तक आखिरी 15 मिनट में कुछ भी याद नहीं रहता.
– ‘रोड हिप्नॉसिस’ से बचाव हेतु ढार्ई घंटे की यात्रा पश्चात थोड़ा ठहरने, चाय-कॉफी लेना आवश्यक है.
– यदि आपको पिछले 15 मिनट का कुछ याद नहीं आ रहा तो इसका अर्थ आप स्वयं और यात्रियों को मौत की तरफ ले जा रहे हैं.
– ‘रोड हिप्नॉसिस’ रात के समय अधिक होते हैं और यात्री भी सोए रहने से परिस्थिति और गंभीर होती है.
– लंबी दूरी की ड्राइविंग में दो घंटे बाद रुकना और लंबी सांस लेकर फ्रेश होकर इधर-उधर देखते हुए फिर उत्साह से ड्राइविंग करना बेहतर रहता है.
क्या कहते हैं आरटीओ?
समृद्धि महामार्ग नागपुर विभाग में वर्धा जिला सीमा तक 83 कि.मी. है. इस सड़क पर दुर्घटना रोकने प्रवेशद्वार के पास चालक का प्रबोधन किया जा रहा है. इसके लिए तीन पथक तैनात है. जिसमें 6 परिवहन अधिकारियों का समावेश है. वाहन चालक सतर्क रहकर वाहन चलाये. 100 कि.मी. का फासला तय करने पश्चात थोड़ा आराम करें. सीट बेल्ट के उपयोग के लिए कहा जा रहा है. वाहन चलाते समय अचानक ब्रेक न लगाएं.
– रवीन्द्र भुयार, आरटीओ.