विदर्भ

महिला के हार्ट ब्लॉकेज को रोबोटिक सर्जरी से किया दूर

मेडिकल कॉलेज में सफल रहा ऑपरेशन

* चार घंटे तक चली सर्जरी
* 10 मिमी का होल कर 100% ब्लॉकेज निकाला
नागपुर/दि.1-मध्य भारत में नागपुर मेडिकल कॉलेज में पहली बार 55 वर्षीय महिला के हार्ट की रोबोटिक सर्जरी की गई. 10 मिमी का होल कर महिला के 100 फीसदी ब्लॉकेज को ठीक किया गया. सर्जरी के दूसरे दिन ही महिला स्वस्थ होकर चलने-फिरने लगी. चार घंटे लंबी चली सर्जरी के दौरान महिला का रक्तस्राव नाममात्र रहा. मेडिकल कॉलेज से संलग्न सुपर स्पेशलिटी के सीवीटीएस विभाग में सर्जरी की गई.
मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने कहा कि राज्य ही नहीं देश भर के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार हार्ट की रोबोटिक सर्जरी की गई. एक ब्लॉकेज को दूर किया गया. आगे और भी जटिल ऑपरेशन किए जाएंगे. ईएनटी और किडनी ट्रांसप्लांट भी रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से किए जाने की योजना है. ताजबाग निवासी 55 वर्षीय शहनाज बेगम सर्जरी के दूसरे दिन से ही स्वस्थ होकर चलने फिरने लगी. सर्जरी की जटिलताओं को कम कर अचूक इलाज में रोबोटिक सर्जरी काफी मददगार साबित होती है.
सीवीटीएस डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. सतीश दास ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में विभिन्न प्रकार की दो सौ से अधिक रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी है. इसी वजह से अब हार्ट की रोबोटिक सर्जरी करने का निर्णय लिया गया. इस सर्जरी में रक्तस्राव काफी कम होता है. 10 मिमी का होल कर मरीज की सफल सर्जरी की गई. आगे और भी जटिल सर्जरी की जाएगी. डॉक्टरों, नर्स, व मेडिकल स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जटिल हार्ट सर्जरी की जाएगी, डॉक्टरों, नर्स व मेडिकल स्टॉफ को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उनके अनुसार ताजबाग निवासी शहनाज बेगम को 26 जनवरी एयर शो के दौरान हार्ट अटैक आया. सांस लेने में तकलीफ और सीने में तेज दर्द हो रहा था. उन्हें मेडिकल में भर्ती कराया गया. कार्डियोग्राम व एंजियोग्राफी के बाद पता चला कि उनके एलएबी में 100 ब्लॉकेज था. रोबोटिक सर्जरी कर ब्लॉकेज दूर कर लिया गया.
चर्चा के दौरान अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे, डॉ. देवेंद्र माहोरे, डॉ. अपूर्व पावडे, डॉ. कुणाल रावेकर, डॉ. अनीस, डॉ. वली फातिमा लुलु, डॉ. केतकी रामटेके, डॉ. भूपेश तिरपुडे, डॉ. हेमंत भानकर, डॉ. गायत्री देशपांडे, डॉ. विक्रांत आकुलवार आदि उपस्थित थे.
* बच्चे के हार्ट के छेद की होगी रोबोटिक सर्जरी
अधिष्ठाता डॉ राज गजभिये ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में एक्यूरेसी रहती है. टांके सही जगह पर लगते हैं. रक्त की हानि नहीं होने से अलग से खून चढाने की जरुरत नहीं पडती. भविष्य में हार्ट के वॉल्व को बदलने और जन्म से ही बच्चे के हार्ट में छेद से जुडी बीमारी की रोबोटिक सर्जरी की जाएगी. मल्टीपल ब्लॉकेज में भी रोबोटिक सर्जरी कारगर है.
* मेडिकल में स्किल्ड मैनपॉवर उपलब्ध
डॉ. गजभिये ने बताया कि रोबोटिकसर्जरी के लिए मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है. वर्तमान में जिस मशीन के सहारे रोबोटिक सर्जरी की गई, उसकी मदद से यूरोलॉजी, गायनेकोलॉजी, जनरल सर्जरी से जुडे ऑपरेशन किए जा रहे हैं. भविष्य में ईएनटी, किडनी ट्रांसप्लांट भी रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से की जाएगी.

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