* कहा- गरीब महिलाओं के उत्थान के लिए है योजना
नागपुर/दि.16-राज्य सरकार की मुख्यमंत्री लाडकी बहिन और अन्य मुफ्त योजनाओं को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है. इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने शपथ-पत्र दायर करते हुए कोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बलिक गरीब महिलाओं के उत्थान के लिए शुरू की गई है.
इस योजना को शुरू करते समय राज्य सरकार ने विभिन्न पहलुओं पर विचार किया. यह मुख्यतः रोजगार सर्वेक्षण पर आधारित है. सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में महिलाओं का रोजगार प्रतिशत केवल 28% है और 50% से अधिक महिलाएं एनीमिया से पीडित हैं. नागपुर खंडपीठ में अनिल वडपल्लीवार ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, महाराष्ट्र के सत्तापक्ष ने 2024-25 वर्ष लोकलुभावन नीतियों के रूप मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना, मुख्यमंत्री बलिराजा बिजली सब्सिडी योजना, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, पिंक ई-रिक्शा योजना, शुभमंगल सामूहिक नोंदणीकृत विवाह योजना, लडकियों को मुफ्त में उच्च शिक्षा, पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी स्टार्टअप योजना की घोषणा की है. इससे राज्य के खजाने पर भारी बोझ पड रहा है. ऐसे मुफ्त उपहार योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग याचिका में की गई है.
* राज्य सरकार का जवाब
राज्य सरकार की ओर से वित्त विभाग के संयुक्त सचिव पांडुरंग जाधव ने शपथ- पत्र दायर किया है. शपथ-पत्र में कहा गया है कि, योजनाओं को महिलाओं, किसानों और समाज के हाशिए पर पडे वर्गों के लोगों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए शुरू किया गया है. प्रत्येक योजना में पात्रता मानदंड स्पष्ट किए गए हैं. उदाहरण के लिए, मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना 2.5 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों तक ही सीमित है. इस शपथ-पत्र के अनुसार इन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में वित्तीय अनुशासन का पालन किया जा रहा है.