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आरटीओ लेता टैक्स पर टैक्स

आंध्र हाइकोर्ट ने किया खारिज

* महाराष्ट्र मेें भी जारी है ऐसी वसूली
नागपुर/दि.24- नया वाहन खरीदने पर वाहन की मूल कीमत के अलावा कई तरह के कर चुकाने होते हैं. इसके बाद जब वाहन का परिवहन कार्यालय में पंजीकरण कराया जाता है तो उस समय भी आरटीओ एकमुश्त रोड टैक्स, वाहन की सकल कीमत पर वसूल करता है. अर्थात टैक्स पर भी टैक्स लिया जाता है. आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने टैक्स पर टैक्स वसूली को अवैध करार दिया है. हाइकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि रोड टैक्स वाहन के शुद्ध मूल्य पर वसूल किया जा सकता है. कोर्ट ने जीएसटी और सेस को नेट प्राइस में शामिल कर उस पर लगाए गए टैक्स को रद्द किया. वसूले गए अतिरिक्त रोड टैक्स को वापस करने के आदेश दिए है.
हाइकोर्ट में दायर दो याचिकाओं में शिकायत की गई थी कि परिवहन विभाग ने वाहन पंजीकरण के दौरान अधिक राशि वसूली है. परिवहन विभाग वाहन खरीदते समय शो रुम में भुगतान की गई कुल राशि पर रोड टैक्स लगाता है. इसमें वाहन की शुद्ध कीमत, जीएसटी और सेस शामिल है. टैक्स की रकम पर फिर से टैक्स वसूला जा रहा है.
न्या. वी. सुजाता ने वाहन की कीमत जीएसटी,सेस को छोड़कर निर्धारित नहीं की जा सकती, यह तर्क अमान्य किया. उन्होेंने फैसला दिया कि जीएसटी और उपकर को छोड़कर वाहन की कीमत पर एक साथ रोड टैक्स लगाया जा सकता है. हाइकोर्ट ने वसूले गए अतिरिक्त टैक्स को चार सप्ताह में लौटाने के निर्देश दिए.
* महाराष्ट्र में मिल सकती राहत
आंध्र हाइकोर्ट के फैसले के आधार पर महाराष्ट्र में भी न्यायालय का द्वार खटखटाया जाए तो यह राहत मिल सकती है. राज्य में वाहन पर 28 प्रतिशत जीएसटी है. सेस वाहन की क्षमता के अनुसार 1 से 22 प्रतिशत तक है. यदि कोई परिवहन आयुक्त के आदेश को हाइकोर्ट में चुनौती देता है तो यहां भी उसे अपना पैसा वापस मिलने की संभावना है. कुछ राज्यों में वाहन की कुल कीमत पर ही रोड टैक्स लगाया जाता है.

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