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साहब बाघ दो बार आकर गया

अब हमने खेत में जाना बंद करना क्या?

* तारासावंगा परिसर के लोगों में दहशत
वर्धा/ दि.25– तारासावंगा समेत परिसर के वाडेगांव, चिचकुंभ, पेठ माणिकवाडा व जामगांव खेत परिसर में पट्टेदार बाघ व तेंदूएं का आवागमन शुरु है. तारासावंगा परिसर में बाघ ने 21 फरवरी को पेठ के किसान अशोक ठोंबरे के गाय के बछडे पर हमला कर घायल किया. इससे परिसर के लोगों मे दहशत निर्माण हुई है. साहब दो बार बाघ आकर गया, अब हमने खेत में जाना बंद करना क्या? ऐसा प्रश्न परिसर के किसानों ने उपस्थित किया है.
पेठ निवासी किसान अशोक ठोंबरे का पुत्र लतीश बैलगाडी पर बैठकर वनप्राणियों से बचाव के लिए गेहूं की फसल की रखवाली कर रहा था. रात 11.45 बजे अचानक कुत्ते ने भौंकना शुरु किया. इसपर किसान ने टार्च मारकर देखा तो उनके गोठे में पट्टेदार बाघ ने गाय के बछडे पर हमला किया. यह देखकर ठोंबरे ने जोरों से चिखपुकार सुनकर पट्टेदार बाघ वहां से भाग गया. परंतु गाय का बछडा गंभीर रुप से घायल हो गया, इसकी जानकारी वन विभाग को दी. अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर मुआयना किया. नुकसान के लिए घायल बछडे के बिल पास में रखे, लगने वाला खर्च वन विभाग व्दारा दिया जाएगा, ऐसी सूचना दी. दूसरे दिन भी बाघ उसी खेत में आने के कारण खलबली मच गई. इसकी जानकारी वन विभाग को दी, परंतु वन विभाग ने चार से पांच दिन मवेशियों को घर से ही बांधो, ऐसा उत्तर दिया. इससे किसान सहायता मांगे तो किससे, ऐसा प्रश्न निर्माण हुआ है. किसानों व्दारा बाघ का बंदोबस्त करने की मांग की गई है.

तेंदूए ने किया शिकार
किन्ही पिरसर में प्रदीप रामकृष्ण राउत के खेत के बाहर बांधकर रखे बछडे पर तेंदूए ने हमला कर शिकार कर लिया. यह घटना कल गुरुवार की सुबह उजागर हुई. किन्ही जखला पगडंडी रास्ते पर राउत का खेत है और उसी परिसर में तेंदूए का आवागमन शुरु है. फिलहाल खेत में किसान रात के वक्त जागरण के लिए जाते है. ऐसे में तेंदूए की दहशत से किसानों की नींद उड गई है.

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