विदर्भ

संत गुलाबराव महाराज की विचारधारा ने समाज को दी एक नई दिशा

नागपुर में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री का गौरवपूर्ण कथन

नागपुर/दि.31-नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर अस्पताल का भूमिपूजन समारोह हालही में संपन्न हुआ. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में विदर्भ के महान संत गुलाबराव महाराज का विशेष स्मरण किया. उनकी अद्वितीय ज्ञानसंपदा और समाज को दिए योगदन की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने उनके कार्यों पर प्रकाश डाला. प्रधानमंत्री ने कहा, जब हम अंतरदृष्टि और आत्मबोध की चर्चा करते है, तब विदर्भ के महान संत गुलाबराव महाराज का नाम सहजता से याद आता है. उन्हें प्रज्ञाचक्षु के नाम से जाना जाता है. छोटी उम्र में ही उनकी दृष्टि चली गई, इसके बावजूद उन्होंने सैकडों ग्रंथों की निर्मिती की. दृष्टिहीन होने के बाद भी उन्होंने इतने बडे साहित्य का निर्माण कैसे किया? यह सवाल सभी के मन में आता है. तो इसका जवाब यह है कि, भले ही उन्हें नेत्रदृष्टि का अभाव था, लेकिन उनके पास अद्वेैत दृष्टि थी. संत गुलाबराव महाराज केवल धार्मिक संत नहीं थे, बल्कि वे महान तत्वज्ञ, साहित्कार और समाजसुधारक थे. उनके साहित्य में आयुर्वेद, संगीत, योग, भक्ति, वेदांत, भाषाशास्त्र जैसे विषयों का विस्तृत अभ्यास दिखाई देता है. उनकी विचारधारा ने समाज को एक नई दिशा दी है. उनका कार्य आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायी है. माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की स्थापना को लेकर प्रधानमंत्री ने समाधान व्यक्त किया. और इससे देश के नेत्रविकार ग्रस्तों को उत्तम उपचार मिलेगा ऐसा कहा. तथा संत गुलाबराव महाराज जैसे महान विभूतियों के कार्य से प्रेरणा लेकर समाज सेवा के लिए कार्य करने का आवाहन किया.

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