विदर्भ

संत साहित्य के अभ्यासक किशोर सानप का निधन

नागपुर/दि.22- विख्यात समीक्षक व संत साहित्य के अभ्यासक डॉ. किशोर प्रल्हाद सानप का 67 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के चलते रविवार को सुबह 11 बजे नागपुर उनकी बेटी के निरामय अस्पताल में निधन हो गया. उनका मानेवाडा स्मशान भूमि में अंतिम संस्कार किया गया.
डॉ. सापन का जन्म 7 जनवरी 1956 को अकोला में हुआ था. उनकी प्राथमिक शिक्षा अकोला में तथा महाविद्यालयीन शिक्षा अकोला व अमरावती में हुई थी. उनके पीछे पत्नी कविता, डॉ. ऋचा सचिन चांगले व डॉ. ऋजुता हर्षल झुंजारराव व मां मुक्ताबाई सानप का भरापूरा परिवार है. कवि, कादंबरीकार, मराठी कविता के उत्तम समीक्षक, तुकाराम और संत साहित्य के गाढे अभ्यासक, अनेक ग्रंथ के लेखक के रुप में वे विख्यात थे. उनकी किताबें शाला-महाविद्यालय में पाठ्यक्रम में थी. सानप ने विदर्भ साहित्य संघ की वर्धा में शाखा अनेक साल चलाई थी. विदर्भ साहित्य संघ के केंद्रीय कार्यकारी मंडल वे थे. नरखेड में वे जनसाहित्य सम्मेलन और गोंदिया में हुए विदर्भ साहित्य सम्मेलन के वे अध्यक्ष थे.

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