नागपुर/दि.25- गत वर्ष की ग्रीष्मकालीन छुट्टियों का शालेय पोषण आहार विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष वितरित न करते हुए इसके बजाय उस आहार का सीधा लाभ हस्तांतरण द्वारा (डीबीटी) विद्यार्थियों के बैंक खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया था. वैसा निधि भी आया. लेकिन प्रशासन की लापरवाही से वह शालाओं में न दिये जाने से शासन की ओर वापस गया. लेकिन अब यह निधि मिलने के साथ ही शीघ्र ही 5 करोड़ 79 लाख रुपए विद्यार्थियों के खाते में जमा होने वाला है.
केंद्र शासन के राष्ट्रीय अन्न अधिनियम 2013 के (एनएफएसए) अंतर्गत कल्याणकारी योजना के उपाय के रुप में शोय विद्यार्थियों को सन 2021 के ग्रीष्मकालीन अवकाश में अनाज वितरित करने का निर्णय लिया गया था. जिस समय यह निधि आना अपेक्षित था, उस समय कोरोना की तीसरी लहर आयी. जिसके चलते इस समय फिर से कड़े निर्बंध लगाये गये. जिससे अधिकांश स्कूलों के विद्यार्थियों के बैंक खाते ही नहीं निकाले गए थे. तब शासन की ओर से करोड़ो का निधि भी जि.प. को प्राप्त हुआ था. विभाग ने भी खाता रहने वाले विद्यार्थियों के बैंक खाते में पैसे डालने के लिए जि.प. के वित्त विभाग को फाइल भेजी थी. लेकिन वित्त विभाग की लापरवाही के कारण दो-तीन सप्ताह तक उसे मंजूरी ही नहीं मिली. परिणामस्वरुप वह पैसा वापस गया. लेकिन अब फिर से शासन ने खाता रहने वाले विद्यार्थियों की जानकारी जि.प. के शिक्षण विभाग से मंगवाई, जिसके अनुसार विभाग ने शासन को यह जानकारी भी प्रस्तुत की है.
शिक्षा विभाग के सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले की 1,799 शालाओं के एक लाख से अधिक विद्यार्थियों की जानकारी शासन को भेजे जाने के साथ ही इसके अनुसार इन विद्यार्थियों के बैंक खाते पर पोषण आहार के 5 करोड़ 79 लाख 93 हजार 705 रुपए आगामी सप्ताह तक शालाओं के खाते में रेफर किए जाएंगे.