नागपुर/दि.03- वर्ष 2014 में 15 हजार रुपए की रिश्वत लेनेवाले नागपुर के बीआयएस शास्त्रज्ञ बिपीन जांभुलकर को विशेष सत्र न्यायालय ने पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 1 लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका.
जानकारी के मुताबिक जांभुलकर के खिलाफ वर्धा जिले के हिंगनघाट निवासी उद्योजक अशफाक अली उसमान अली ने शिकायत दर्ज की थी. अली की वर्धा में बाबूजी एक्वा नामक फैक्टरी थी. इस फैक्टरी में पेयजल की बोतल तैयार की जा रही थी. बोतल में पानी की गुणवत्ता संदर्भ में शिकायत प्राप्त होने से भारतीय मानक ब्यूरो अधिकारी ने 2014 में फैक्टरी पर छापा मारकर कानूनी कार्रवाई की थी. साथ ही अली के खिलाफ वर्धा के प्रथमश्रेणी न्याय दंडाधिकारी न्यायालय में मुकदमा दायर किया था. न्यायालय ने 20 दिसंबर 2014 को अली को सबूतो के अभाव में बरी कर दिया.
* सीबीआई ने 15 गवाहो को परखा
सीबीआई ने प्रकरण की जांच पूर्ण होने के बाद जांभुलकर के खिलाफ 26 फरवरी 2016 को विशेष सत्र न्यायालय में मुकदमा दायर किया. सीबीआई ने न्यायालय में 15 गवाहो को परखा और 91 कागजपत्री सबूत प्रस्तुत किए. इस आधार पर जांभुलकर इस प्रकरण में दोषी पाए गए.