मंत्री के सामने सेना पदाधिकारियोें में धक्का-मुक्की
भुते ने लगाया संपर्क प्रमुख अनंत गुढे पर धक्का-मुक्की का आरोप
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पूर्व सांसद अनंत गुढे ने किया आरोपों से इन्कार
वर्धा/प्रतिनिधि दि.१० – शिवसेना के युवा नेता व पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे की संकल्पना से शुरू किये गये वेंटिलेटर वितरण के कार्यक्रम हेतु राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत गत रोज वर्धा जिले के दौरे पर थे. इस समय सरकारी विश्राम गृह पर कार्यकर्ताओं की अच्छीखासी भीडभाड हो गई थी और शिवसेना कार्यकर्ताओं सहित आम नागरिकों द्वारा मंत्री उदय सामंत को ज्ञापन व निवेदन सौंपे जा रहे थे. जिनमें हिंगणघाट के सीताराम भुते भी मंत्री सामंत को ज्ञापन देने हेतु उपस्थित हुए थे. जिन्होंने आरोप लगाया कि, जब वे निवेदन देने पहुंचे, तो शिवसेना के संपर्क प्रमुख तथा अमरावती के पूर्व सांसद अनंत गुढे ने उनके साथ धक्का-मुक्की की. वहीं अनंत गुढे ने ऐसी कोई भी घटना होने से इन्कार किया.
बता दें कि वर्धा जिले में विगत दो वर्षों से शिवसेना के अंतर्गत काफी विवाद चल रहे है. वहीं इस दौरान हिंगणघाट में भाजपा के एक नगरसेवक सहित एक निर्दलीय नगरसेवक को फोडकर अपनी ओर मिलाने में संपर्क प्रमुख अनंत गुढे सफल रहे लेकिन पुराने शिवसैनिक व पूर्व मंत्री अशोक शिंदे की अनदेखी किये जाने से वर्धा जिले के कई पुराने शिवसैनिकों में नाराजगी देखी जा रही है. साथ ही यह मांग भी उठाई जा रही है कि, संपर्क प्रमुख पद पर जिले के ही किसी व्यक्ति की नियुक्ति की जानी चाहिए. इन्हीं तमाम बातों को लेकर विगत कुछ दिनों से शिवसेना के दो गुट आमने-सामने डटे हुए है और इसी बीच शुक्रवार को राज्य के मंत्री उदय सामंत के समक्ष जिला संपर्क प्रमुख अनंत गुढे व हिंगणघाट के सीताराम भुते के बीच धक्का-मुक्की होने की घटना घटित होने का मामला सामने आया. इस बारे में सीताराम भुते का कहना है कि, जब वे मंत्री उदय सामंत को निवेदन सौंपकर उनसे चर्चा कर रहे थे, तब जिला संपर्क प्रमुख अनंत गुढे ने उन्हें बातचीत करने से रोका और यह कहते हुए धक्का-मुक्की की, कि मेरे रहते मंत्री के साथ क्यों बातचीत कर रहे हो. वहीं इस बारे में जिला संपर्क प्रमुख अनंत गुढे का कहना रहा कि, सीताराम भुते जब मंत्री उदय सामंत के साथ बात कर रहे थे, तो खुद मंत्री उदय सामंत ने ही सीताराम भुते को मास्क लगााने के बारे में टोका और सीताराम भुते ने अपने पास मास्क नहीं रहने की बात कही. उस समय केवल इतनी ही चर्चा हुई और उनकी व सीताराम भुते की कोई बातचीत नहीं हुई, तो धक्का-मुक्की करने का सवाल ही नहीं उठता. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, भुते मूलत: शिवसैनिक ही नहीं है और वर्धा जिले में शिवसेना के लगातार बढते प्रयास की वजह कई लोगों को पेटदर्द हो रहा है. जिसकी वजह से गलत प्रचार किया जा रहा है.