विदर्भ

हाईकोर्ट से मिली एसडीपीएल को राहत

नागपुर/दि.2 – बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नगर विकास विभाग के फरवरी 2018 के नोटिफिकेशन पर स्पष्ट किया है कि विभाग इसे पूर्व प्रभाव से लागू नहीं कर सकता. इस निरिक्षण के साथ हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता एसडीपीएल कंपनी को राहत दी है.
8 नवंबर 2013 को नगर विकास विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया. इसके तहत 4000 वर्ग मीटर से अधिक भू-खंड वाले बिल्डर को म्हाडा की 20 फीसदी जमीन पर फ्लैट बनाने को कहा गया. तब विभाग ने यह आश्वासन दिया था कि वे ये फ्लैट आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों को 6 माह के भीतर लॉटरी के सिस्टम से बचेगा. यदि फ्लैट नहीं बिकते हैं, तो म्हाडा स्वयं ये फ्लैट खरीद लेगा. 3 सितंबर 2015 को विभाग ने दूसरा नोटिफिकेशन निकाल कर फ्लैट की कीमत बदल दी और फिर शर्त हटा दिया. याचिकाकर्ता के अनुसार, उनका सैक्शन प्लान वर्ष 2013 और 2015 के नोटिफिकेशन के तहत मंजूर हुआ. लेकिन फिर फरवरी 2018 में विभाग ने एक और नोटिफिकेशन जारी किया. जिसमें ‘बचे हुए फ्लैट म्हाडा खरीदेगा’ यह शर्त हटा दी गई. विभाग ने इसे पूर्व प्रभाव से लागू कर दिया. जिससे याचिकाकर्ता के हित बाधित हो गए. हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनकर म्हाडा को आदेश दिए कि वे वर्ष 2013 के नोटिफिकेशन के मुताबिक याचिकाकर्ता को सारी रकम अदा करें. याचिकाकर्ता की ओर से एड. कार्तिक शुकुल ने पक्ष रखा.

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