कोयला व्यवसायी से पैसो की मांग
नागपुर/ दि.१०- केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी का ओएसडी रहने का दिखावा कर कोयला उद्योजक से १ करोड की फिरौती की मांग करने वाले कुख्यात दक्ष अग्रवाल और उसके सहयोगी कथित पत्रकार पियुष पुरोहित के खिपाफ अपराध शाखा ने और एक मामला दर्ज किया है. एक पखवाडे में यह दुसरा मामला दर्ज हुआ है. पुलिस हिरासत अवधि समाप्त होने पर दक्ष अग्रवाल और पियुष पुरोहित को न्यायिक हिरासत में जेल रवाना किया गया है.
सायबर सेल द्वारा दक्ष अग्रवाल, पियुष पुरोहित और उसके दो अन्य साथीयो के खिलाफ कोयला उद्योजक से फिरौती मांग करने के प्रकरण में मामला दर्ज किया गया है. इस प्रकरण में दक्ष और पियुष को गिरफ्तार किया गया है. जबकि उनके दो साथी बघेल बंध्ाु फरार है. कथित शिकायत निपटाने के बदले आरोपियो ने व्यवसायी से १ करोड रूपये की मांग की थी. दक्ष ने शहर के अनेक उद्योजको को शिकार बनाया है. लकडगंज निवासी अंकुश अग्रवाल ने भी शिकायत दर्ज की है. अंकुश कोयले का बडा व्यवसायी है.
सूत्रो के मुताबिक अंकुश अग्रवाल ने कर्नाटक पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड में निविदा के लिए आवेदन किया था. आरोपी ने अंकुश के पिता से संपर्क किया और केपीसीएल की निविदा प्रक्रिया में हेराफेरी होने की बात कही. अंकुश के पिता ने च्मेरा बेटा काम संभालता हैज्, ऐसा कहकर बात को टाल दिया. पश्चात दक्ष ने अंकुश से संपर्क किया. खुद को केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी का ओएसडी बताकर इस प्रकरण की जांच करणे की धमकी दी. उसने अंकुश को चर्चा करने के लिये बंगलुरू बुलाया. १९ से २६ जनवरी के दौरान दक्ष ने अंकुश को फोन कर पैसे मांगे. पैसो के लिए वह लगातार फोन करने लगा. हर समय दिग्गज नेता, अधिकारी, कानुनी क्षेत्र से संबंधित लोगो के नाम लेकर अंकुश पर दबाव डालने का प्रयास कर रहा था. शहर के अनेक कोयला व्यापारियो के पैसे ऐसे रैकेट में डुबने की जानकारी अंकुश को थी. इसी कारण उन्होने दक्ष को ज्यादा प्रतिसाद नही दिया. अपराध शाखा द्वारा दक्ष और पियुष को गिरफ्तार किए जाने के बाद अंकुश को सच्चाई का पता चला. उसने सायबर सेल के पास शिकायत की. जांच के बाद सायबर सेलने फिरौती का मामला दर्ज किया है. सायबर सेल की जांच अधिकारी शुभांगी वानखेडे ने गुरूवार को दक्ष और पियुष को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल रवाना किया है.
पैसो की बजाए प्रसाद का इस्तेमाल
दक्ष जब भी अंकुश को फोन करता था अथवा मैसेज करता था तब पैसे की बजाए प्रसाद शब्द का इस्तेमाल करता था. पहली बार जब उसने अंकुश को बंगलुरू चर्चा े के लिए बुलाया था. उस समय आने के पूर्व कुछ प्रसाद भेजने कहा था. दक्ष के अलावा नागपुर के एक राजनीतिक दल के नेता का भी इस रैकेट में समावेश रहने की जानकारी सूत्रों ने दी है.