विदर्भ

कोरोना संकटकाल में नागपुर हाईकोर्ट का दूसरा ऐतिहासिक फैसला

  • समझौते के लिए ली गयी राशि जरूरतमंद वकीलों को देने का निर्देश
  • मामला पीछे लेने वादी-प्रतिवादी को दिया २५-२५ हजार जमा कराने का निर्देश

नागपुर/प्रतिनिधि/दि.३ -एक १७ वर्षीय नाबालिग बच्चे के अपहरण तथा फिरौती से जुडे मामले से आपसी समझौते के तहत एक आरोपी का नाम कम करने और उस आरोपी के खिलाफ मुकदमा खारिज करने संबंधी मामले की सुनवाई करते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने पुलिस व अदालत का समय व श्रम नष्ट करने की ऐवज में वादी व प्रतिवादी को नागपुर हाईकोर्ट ने २५-२५ हजार रूपये जमा कराने का आदेश दिया. साथ ही यह निर्देश भी जारी किया कि, यह राशि नागपुर जिला बार एसो. के सुपुर्त की जाये और इस राशि से जरूरतमंद वकीलों को आर्थिक सहायता दी जाये.
बता दें कि, यवतमाल जिला निवासी ईश्वर चोलाराम नचवानी (४५) के १७ वर्षीय बेटे का फिरौती के लिए अपहरण किया गया था. इस मामले में नचवानी परिवार की शिकायत पर अवधूत वाडी पुलिस ने यवतमाल निवासी शुभम शंकर तोलवानी (२५) सहित कुल ७ आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था. जिसमें से शुभम सहित कुल ६ आरोपी गिरफ्तार किये गये थे. वहीं एक आरोपी अब भी फरार है. हिरासत में लिये गये शुभम नचवानी का शुरूआत से ही यह कहना था कि, उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और उसे नाहक इस मामले में फंसाया गया है. किंतु बावजूद इसके शुभम नचवानी विगत एक वर्ष से जेल में बंद था. इसी दौरान नचवानी व तोलवानी परिवार के बीच इस मामले से शुभम नचवानी का नाम हटाने और शुभम नचवानी के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने के संदर्भ में सहमति बनी. जिसके बाद शुभम नचवानी के खिलाफ मामला खारिज करने हेतु मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के समक्ष याचिका प्रस्तुत की गई. जहां पर न्या. झेड. ए. हक व न्या. श्रीराम मोडक की दो सदस्यीय खंडपीठ के सामने इस याचिका को लेकर सुनवाई हुई और खंडपीठ ने इस याचिका में किये गये आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा गया कि, इस मामले में पुलिस एवं अदालत को नाहक अपना समय व श्रम खर्च करना पडा है. अत: वादी व प्रतिवादी द्वारा २५-२५ हजार रूपये बतौर हरजाना अदा किया जाये. साथ ही हरजाने की यह राशि नागपुर जिला बार एसो. को सौंपी जाये. इसके साथ ही अदालत ने नागपुर जिला बार एसो. को निर्देशित किया कि, इस राशि से बार एसो. के जरूरतमंद वकीलों को सहायता दी जाये और यह राशि किसी भी अन्य कार्य में खर्च न की जाये. इस मामले में फिर्यादी ईश्वर नचवानी की ओर से एड. आर. डी. धर्माधिकारी तथा आरोपी शुभम तोलवानी की ओर से एड. परवेज मिर्जा ने पैरवी की. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले अमरावती जिले से वास्ता रखनेवाले विनयभंग से संबंधित एक मामले में आपसी समझौते की सुनवाई करते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने वादी व प्रतिवादी को सीएम राहतकोष में आठ सप्ताह के भीतर १२ हजार रूपये जमा कराने का निर्देश दिया था.

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