विदर्भ

मूलभूत सुविधा के लिए ‘समृद्धि’ के 16 स्थानों पर ठेकेदारों का चयन

राज्य सडक महामंडल का हाईकोर्ट में हलफनामा

नागपुर /दि.15– समृद्धि महामार्ग पर 22 में से 16 स्थानों पर उपहारगृह, प्रसाधन गृह, वाहन दुरुस्ती केंद्र, प्रथमोपचार, पार्किंग, पेयजल आदि कायमस्वरुप की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कर देने के लिए ठेकेदारों का चयन किया गया है. इन सभी स्थान पेट्रोल पंप से सटकर है. यहां मूलभूत सुविधा के काम भी शुरु हुए है, ऐसी जानकारी महाराष्ट्र राज्य सडक विकास महामंडल ने शुक्रवार को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ को हलफनामे के जरिए दी.
अम्मे, मेरल, डवला, मांडवा, डव्हा, रेनकापुर, वायफल, गणेशपुर, शिवणी और करवांची ऐसे 16 स्थानों पर संपादित जमीन पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध कर दी जाएगी. फिलहाल इन 16 में से 13 स्थानों पर पेट्रोल पंप शुरु है. साथ ही यहां प्राथमिक स्वरुप की मूलभूत सुविधा है. यह प्रकल्प पूर्ण करने के लिए 2020 से प्रयास किये जा रहे है. लेकिन विविध कारणों से यह अब तक पूर्ण नहीं हुए है. ठाणे व नाशिक के शेष स्थानों के पेट्रोल पंप के पास निजी जमीन खरीदी कर मूलभूत सुविधा कर उपलब्ध कर दी जाने वाली है. इसमें से 2 स्थानों पर जमीन का बिक्री पत्र हुआ है और वहां मूलभूत सुविधा विकसित करने के लिए जमीन संचालकों के साथ लीज करार भी किया गया है. कायम स्वरुप मूलभूत सुविधा उपलब्ध होने में समय लगेगा, इस कारण फिलहाल 19 स्थानों के पेट्रोल पंप संचालकों को अस्थायी स्वरुप की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कर देने की अनुमति दी गई है. ऐसा महामंडल ने अपने हलफनामे में दर्ज किया है.

* क्या है हलफनामे में जानकारी?
– वाहन चालकों को मार्गदर्शन करने के लिए वायफल, विरुल, धामणगांव, मालेगांव, सिंदखेड राजा, निधोना, वेरुल, शिर्डी और भारवीर के इंटरचेंज में नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम, अकोला, बुलढाणा, जालना, छत्रपति संभाजीनगर, श्रीरामपुर और नाशिक कार्यालय के मोटर वाहन निरीक्षकों की नियुक्ति की गई है. यह जानकारी परिवहन विभाग ने न्यायालय को दी है.

* समृद्धि महामार्ग पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध होने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अनिल वडपल्लीवार ने जनहित याचिका दायर की है. इस पर न्यायमूर्ति नितिन सांभरे व न्यायमूृति वृशाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता को भूमिका रखने के लिए आगामी 11 मार्च तक समय दिया. याचिकाकर्ता की तरफ से एड. श्रीरंग भांडारकर तथा महामंडल की तरफ से राज्य के महाधिवक्ता एड. बिरेंद्र सराफ ने पक्ष रखा.

Back to top button