विदर्भ

रेमडेसिविर पर नजर रखने समिति स्थापित करो

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया आदेश

नागपुर/प्रतिनिधि दि.२८ – रेमडेसिविर इंजेक्शन की योग्य प्रमाण में उपलब्धता व आपूर्ति पर नियंत्रण रखने एवं आवश्यक नियोजन करने हेतु डॉक्टरों व अधिकारियों का समावेश रहनेवाली एक समिती तैयार की जाये और इस 45 सदस्यीय समिती द्वारा तीन शिफ्टों में तमाम आवश्यक बातों का नियोजन किया जाये. इस आशय का आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा राज्य सरकार को दिया गया है.
कोविड संक्रमण की रफ्तार बढने के बाद नागपुर जिले सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सिजन की किल्लत सहित अन्य कई मसलों पर योग्य नियोजन करने के संदर्भ में न्यायालय द्वारा सरकार सहित प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिये गये. साथ ही कहा गया कि, जहां एक ओर रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत बतायी जा रही है, वहीं दूसरी ओर इस इंजेक्शन की बडे पैमाने पर कालाबाजारी भी चल रही है. जिसकी वजह से कई लोगों को ये इंजेक्शन हासिल करने में काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा है. इसे गंभीरता से लेते हुए रेमडेसिविर का स्टॉक उपलब्ध कराने और उसकी वितरण व्यवस्था पर नजर रखने हेतु एक समिती गठित की जाये.
इसके साथ ही नागपुर जिले के विभिन्न अस्पतालों में तमाम आवश्यक व्यवस्थाएं करने और कई स्थानों पर नये कोविड अस्पताल शुरू करने का निर्देश देते हुए न्यायालय ने कहा कि, एमबीबीएस के जिन विद्यार्थियों ने अपना पाठ्यक्रम व इंटर्नशिप पूरा कर लिया है, किंतु अब तक बंध पत्र यानी बॉण्ड पूरा नहीं किया है, ऐसे 40 डॉक्टरों की नियुक्ति कोविड अस्पतालों में की जाये. साथ ही न्यायालय ने डब्ल्यूसीएल व मॉईल जैसी कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पाँसिबिलीटी फंड से मेयो, मेडिकल व एम्स् जैसे अस्पतालों को सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिये. इस सुनवाई के दौरान न्यायालयीन मित्र एड. श्रीरंग भांडारकर, राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील केतकी जोशी, मध्यस्थी याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. एम. अनिलकुमार व एड. तुषार मंडलेकर ने युक्तिवाद किया.

Related Articles

Back to top button