विदर्भ

हॉल मार्किंग के सात निजी सेंटर नागपुर में शुरु होंगे

केंद्रीय ग्राहक कल्याण मंत्री पियुष गोयल की जानकारी

नागपुर/प्रतिनिधि दि.२ – केंद्रीय ग्राहक कल्याण मंत्रालय अंतर्गत भारतीय मानक ब्यूरो ने (बीआईएस) देश के 256 जिलों में जेवरातों पर हॉलमार्किंग और एक्यूआईडी बंधनकारक किया है, लेकिन देश में बीआईएस सेंटर अपूर्ण रहने से केंद्रीय ग्राहक कल्याण मंत्री पियुष गोयल ने निजी सराफाओं को सेंटर खडे करने की अनुमति दी है. उसके अनुसार नागपुर में बडे सराफा व्यापारियों की सात तथा महाराष्ट्र में लगभग 100 से ज्यादा सेंटर खडे रहने की संभावना है. इस सेंटर को सरकार सबसीडी नहीं देगी, ऐसा गोयल ने स्पष्ट किया है. समूचे विदर्भ में नागपुर में दो व अकोला में एक इस तरह तीन बीआईएस सेंटर है. उस तुलना में विदर्भ में 10 हजार से ज्यादा सराफा व्यापारी है. त्यौहारों के साथ ही आगे हॉल मार्किंग के लिए आने वाले जेवरातों की संख्या बढेगी. फिलहाल जेवरातों का हॉल मार्किंग व एक्यूआईडी यानी 6 डिजीटल आंकडों की नोंद के लिए 15 दिन लगते है. जिससे सराफा के पास जेवरात बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं रहते, ऐसा सराफा व्यापारियों का आरोप है. इसी पृष्ठभूमि पर देश के सराफा टॉस्क फोर्स संघर्ष समिति व केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल की तीन दिन पहले नई दिल्ली में बैठक हुई. इस बैठक में अनेक समस्याओं का निपटारा करते हुए मंत्रियों ने सराफाओं को निजी सेंटर शुरु करने की मौखिक अनुमति दी है. इस संदर्भ में जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा, इस तरह की जानकारी है. सराफाओ को हॉल मार्किंग सेंटर शुरु करने के बाद जेवरातों को प्रमाणत्र वहीं देंगे. एक जेवरात के हॉल मार्किंग के लिए सरकार 35 रुपए लेती है. किंतु निजी सेंटर को 40 रुपए देने पडेंगे. सरकार 5 रुपए अतिरिक्त लेती है, फिर भी जेवरात हॉलमार्क होकर दूसरे ही दिन सराफाओं के हाथों में जाएंगे. जिससे शोरुम का स्टॉक कम नहीं होगा व व्यवसाय आसान होगा.
सराफा व्यापारियों ने कहा कि बैठक में मंत्रियों ने अनेक निर्णय लिये. एक्यूआईडी जेवरात कौनसे ग्राहक ने लिया है, उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया जाता. इसके अलावा जेवरातों के लिए जनरेट हुआ एक्यूआईडी के बाद बिल पर डालने की अब जरुरत नहीं. सेंटर में रहने वाले जेवरातों से केवल एक जेवरात की मशीन व्दारा हॉल मार्किंग व एक्यूआईडी करते आयेगी. पियुष गोयल ने प्रथम आने वालों को हॉलमार्क की सेवा उपलब्ध कर देने से छोटे सराफाओं की समस्या हल हुई है. जबकि जेवरातों की शुध्दता की समस्या तीन दिन में निकाल में ली जाएगी. फिलहाल भारत में हर रोज एक लाख जेवरात हॉलमार्क होते हैं. किंतु अब सर्वर की क्षमता 4 लाख पर ले जाया जायेगी. बीआईएस ने किया हुआ पंजीयन रद्द करने का अधिकार बीआईएस को नहीं रहना चाहिए, वह न्यायालय को देना चाहिए, इस तरह की मांग बैठक में की गई. इसके अलावा निजी सेंटर को दुकानों पर दुकान का नाम नोंद करने की अनुमति दी गई है. एक्यूआईडी नहीं हटेगा, ऐसा गोयल ने बैठक में स्पष्ट किया.

  • पुराने जेवरातों को 30 नवंबर तक हॉलमार्क करने की सुविधा

पहले सराफाओं को पुराने जेवरात 31 अगस्त तक हॉलमार्क करना बंधनकारक था. किंतु यह अवधि अब 30 नवंबर तक बढाई गई है. यानी अब इस तारीख तक कोई भी सराफा व्यापारी पर कार्रवाई नहीं होगी. जिससे कोरोना काल में न बेचे गए जेवरात अब 30 नवंबर तक बेचने की छुट सराफा व्यापारियों को दी गई है.

  • सेंटर खडा करने 1 करोड का निवेश

केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल ने निजी हॉल मार्किंग सेंटर शुरु करने की अनुमति दिये जाने से सराफाओं को जेवरातों पर हॉलमार्क व एक्यूआईडी नंबर डालने के लिए 15 दिन की राह नहीं देखनी पडेगी. सराफा को सेंटर के लिए 1 करोड का निवेश करना होगा. प्रक्रिया अंतर्गत नागपुर में जल्द ही लगभग 7 हॉलमार्क सेंटर खडे होने की संभावना है.
– राजेश रोकडे,
सचिव, नागपुर सराफा एसोसिएशन

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