नागपुर/प्रतिनिधि दि.१४ – मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने नाबालिग बालक के साथ किये गए अप्राकृतिक कृत्य के मामले में आरोपी को सात साल कारावास व अन्य सजा को बरकरार रखा है. न्यायाधीश विनय जोशी ने यह फैसला सुनाया है. यह मामला अमरावती जिले का है. आरोपी का नाम रुपेश राउत बताया गया है. वह मजदूर है. 27 अगस्त 2019 में विशेष सत्र न्यायालय ने आरोपी को नाबालिग बालिक पर अप्राकृतिक अत्याचार करने के अपराध में दोषी मानते हुए सात साल की सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए दंड की सजा सुनाई. जिसके तहत आरोपी ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी. उच्च न्यायालय ने अपील खारीज कर सत्र न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा है. घटना के समय पीडित बालक 17 वर्ष का था. आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी देकर उसपर अप्राकृतिक अत्याचार किया था. वलगांव पुलिस ने मामले की जांच की.