विदर्भ

नाबालिग लडकी के साथ लैंगिक संबंध यह गंभीर अपराध

हाईकोर्ट ने व्यक्त किये महत्वपूर्ण विचार

नागपुर प्रतिनिधि/दि.30 – भारतीय दंड संहिता (भादंवि) व लैंगिक अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम (पोस्को) की व्यवस्था के अनुसार 18 वर्ष से कम लडकियों के साथ लैंगिक संबंध प्रस्तापित करना यह काफी गंभीर अपराध है और ऐसे लडकी की लैंगिक संबंध के लिए सहमति रहने को कोही महत्व नहीं. किंतु इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए बलात्कार व लडकी की उम्र के संदर्भ में ठोस सबूत रहना आवश्यक है. आरोपी को दोषी ठहराने के लिए यह दोनों निर्णायक घटक है, इस तरह के विचार मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की न्यायमूर्ति पुष्पा गनेडीवाला ने एक मामले पर निर्णय में व्यक्त किये.
सत्र न्यायालय ने लडकी पर बलात्कार करने का आरोप रहने वाला ट्रक चालक प्रकाश भैरुराम धारी (23, राजस्थान) को 10 वर्ष सश्रम कैद व 1 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर एक महिना अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई थी. इस निर्णय के खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी. उस अपील पर निर्णय में हाईकोर्ट ने यह विचार नोंद किये. सरकारी पक्ष को संबंधित सबुतों के साथ अपराध सिध्द करने में विफलता आने की बात स्पष्ट कर आरोपी को निर्दोष छोडा. घटना के समय संबंधित लडकी नरखेड थाना क्षेत्र में रहती थी. उसके और आरोपी के प्रेम संबंध थे. पश्चात आरोपी ने बडी बहन, मोर्शी व दादी के घर ले जाकर उसपर अत्याचार किये, ऐसा लडकी का बयान था. नरखेड पुलिस ने इन दोनों को नागपुर में लाने के बाद लडकी की वैद्यकीय जांच की गई.

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