धामणगांव रेलवे/दि.4- विदर्भ क्षेत्र में एकमात्र दीक्षा व संथारा समाधी मृत्यु का ऐतिहासिक व अवस्मरणीय क्षण गुरुवार को दोपहर 12 बजे उस समय आया जब, आचार्य 1008 श्री रामलालजी म.सा. के शिष्य पूज्य श्री जयप्रभमुनीजी म.सा. व पूज्य श्री अन्नयमुनीजी म.सा. के कृपापात्र जैन सुश्रावक शांतिलाल मोतिलाल छाजेड (89) को वैराग्य प्राप्त हुआ.
पूज्य श्री ने 2 जुलाई को सुबह 9 बजे संथारा सल्लेखना दी. जिसके बाद शांतिलाल छाजेड ने दीक्षा भाव भी जागृत हो गया. जिसके चलते आचार्य रामलालजी म.सा. की आज्ञा के अनुसार पूज्य जयप्रभमुनीजी म.सा. ने उसी दिन दोपहर 4.30 बजे जैन भगवती दीक्षा देने का निश्चित किया. जिसके अनुसार शांतिलालजी छाजेड की उनके घर से धर्मयात्रा निकाली गई. इस समय जैन समाज एवं धामणगांव रेलवे शहर के अनेको गणमान्य उपस्थित थे. धर्मयात्रा पश्चात पूज्य जयप्रभमुनीजी म.सा. ने जैन भगवती दीक्षा प्रदान करते हुए शांतिलालजी छाजेड का नया नामकरण किया और उनका नाम उत्साहमुनीजी म.सा. रखा गया.