वह निष्पाप भाविनक वेदनामुक्त होगी, हाईकोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति
वैद्यकीय मंडल की रिपोर्ट के मुताबिक निर्णय
* उसे भविष्य में नहीं दिखेंगे दुष्कर्म के निशान
नागपुर/दि.4– वर्धा जिले की उस निष्पाप गर्भवती नाबालिग को दुष्कर्म की भावनिक वेदना से मुक्ति मिलने वाली है. मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने शुक्रवार को उस पीडिता को गर्भपात करने की अनुमति दी. भविष्य में उसे मानसिक रुप से आहत करने वाली दुष्कर्म की घटना आखों के सामने नहीं दिखाई देगी. न्या. अतुल चांदूरकर और न्या. अभय मंत्री ने पीडिता को राहत दी.
पीडिता 17 वर्ष की है. उसे आरोपी परवेज खान ने प्रेमजाल में फंसाया था. वह मार्च 2023 में पीडिता को दो-तीन दफा लॉज पर ले गया और उस पर बलात्कार किया इस कारण वह गर्भवती हुई वर्तमान में वह 26 सप्ताह की गर्भवती है. वैद्यकीय गर्भपात कानून के मुताबिक विशेष प्रकरणों में 24 सप्ताह की कालावधि तक ही गर्भपात किया जा सकता है. अन्य अपवादात्मक परिस्थिति में वैद्यकीय मंडल व्दारा सकारात्मक रिपोर्ट देने पर गर्भपात हो सकता है. इस कारण पीडिता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी थी. वह बलात्कार के कारण गर्भवती हुई. इस कारण उसे किसी भी परिस्थिति में बच्चे को जन्म देना नहीं है, ऐसी दलील पीडिता ने अदालत में की थी.
* वैद्यकीय मंडल की रिपोर्ट सकारात्मक
उच्च न्यायालय गुरुवार को इस प्रकरण में सुनवाई के बाद वर्धा नागरी रुग्णालय में वैद्यकीय मंडल स्थापन करने और इस मंडल व्दारा पीडित नाबालिग की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. इसके मुताबिक वैद्यकीय मंडल ने न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत कर पीडिता का गर्भपात किया जा सकता है, ऐसा स्पष्ट किया. इसके लिए न्यायालय ने पीडिता की याचिका मंजूर की. पीडिता की तरफ से एड. सोनिया गजभिये ने कामकाज संभाला.