विदर्भ

‘विदर्भ समृध्दि’ की ‘शिंदे एक्सप्रेस’

विदर्भ-मराठवाडा-गोवा नया इकॉनामिक कॉरिडोर

विदर्भ-मराठवाडा में नया टुरिझम सर्कीट
* 5 लाख धान उत्पादकों को प्रति हेक्टेयर 15 हजार का बोनस
नागपुर/ दि.30- अपेक्षाकृत रुप से पिछडे रहने वाले विदर्भ व मराठवाडा के विकास हेतु मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कल विधानसभा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की. जिसके तहत उन्होंने नागपुर-मुंबई समृध्दि महामार्ग के जरिये इन दोनों क्षेत्रों का सर्वांगिन विकास करने का आश्वासन दिया. इसके अलावा विदर्भ के लिए पर्यटन सर्किट, नई खनिज नीति व संतुलित प्रादेशिक विकास के लिए नई समिति का निर्णय घोषित करते हुए 5 लाख धान उत्पादक किसानों को प्रति एकड 15 हजार रुपए का बोनस देने की घोषणा की. यह बोनस अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए दिया जाएगा.
गत रोज विधानसभा में सीएम शिंदे ने कहा कि, किसान आत्महत्या रोकने हेतु सरकार विविध योजनाओं पर अमल कर रही है. वसंतराव नाईक कृषि स्वावलंबन मिशन के जरिये किसान आत्महत्याओं को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. तनावग्रस्त किसानों से संवाद साधने, उनकी काउंसिलिंग करने के काम में विशेषज्ञों को शामिल किया जा रहा है. किसाना सम्मान योजना की 13 वीं किश्त देने की कार्रवाई दिसंबर से मार्च माह के दौरान की जाएगी. इस योजना के 1 करोड 97 लाख पात्र लाभार्थियों में से 92 हजार लाभार्थियों का डेटा अपडेट किया गया हैं. वहीं 8 लाख 8 हजार लाभार्थियों के डेटा को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरु है.
सीएम शिंदे की विदर्भ व मराठवाडा के लिए कई घोषणाएं
– नागपुर से विदर्भ-मराठवाडा-पश्चिम महाराष्ट्र व गोवा के बीच नया इकॉनामी कॉरिडोअर विकसित किया जाएगा. जिसके जरिये मध्य महाराष्ट्र को सीधे पश्चिम भारत से जोडा जा सकेगा.
– समृध्दि महामार्ग के आसपास स्थित विदर्भ व मराठवाडा के धार्मिक व पर्यटन स्थलों के लिए टुरिझम सर्किट तैयार किया जाएगा.
– औद्योगिक विकास को गतिमान करने विदर्भ में 44 हजार करोड रुपयों का निवेश होगा. जिससे 45 हजार रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे.
– सतत बारिश की वजह से हुई फसलों की नुकसान भरपाई हेतु किसानों को 755 करोड रुपयों की निधि दी गई.
– औरंगाबाद में मौसंबी व संतरे की फसल हेतु सीट्रस इस्टेट की स्थापना. 9 करोड 20 लाख रुपयों का खर्च.
– लोणार सरोवर में पर्यटन विकास हेतु 369 करोड का विकास प्रारुप. सिंदखेड राजा में भी विकास कार्य शुरु.
तीनों वैद्यानिक विकास मंडलों का होगा पुनर्गठन, नई वस्त्रोद्योग निधि
– विदर्भ, मराठवाडा व शेष महाराष्ट्र वैद्यानिक विकास मंडल के पुनर्गठन हेतु केंद्र से किया गया है निवेदन.
– नागपुर व वर्धा में बडे पैमाने पर लॉजिस्टीक सपोर्ट तैयार होगा. विदर्भ क्षेत्र के लिए नागपुर नया लॉजिस्टीक हब रहेगा.
– विदर्भ में वस्त्रोद्योग को अधिक अवसर मिलने हेतु राज्य में आगामी पांच वर्षों के लिए नई वस्त्रोद्योग नीति लाई जाएगी.
– जल पर्यटन – गोसीखुर्द में 100 एकड जगह पर वैश्विक स्तर के जल पर्यटन प्रकल्प हेतु टेंडर मंगाए जायेंगे.
– स्वदेश दर्शन – गोसीखुर्द (भंडारा), टिपेश्वर (यवतमाल), ताडोबा (चंद्रपुर) व औरंगाबाद का स्वदेश दर्शन योजना में समावेश.
– प्रसाद योजना – अंचलेश्वर, कचारगड, लेणी, कोराडी देवी तथा नांदेड जिले के मंदिरों का प्रस्ताव केंद्र की प्रसाद योजना में.
– कपास व सोयाबीन की वैल्यू चेन विकासित करने हेतु 3 हजार करोड रुपयों का प्रावधान.
– चंद्रपुर जिले में कोयले पर आधारित हाईड्रोजन, मिथेनॉल व युरिया निर्मिति प्रकल्प से 10 हजार लोगों को रोजगार.
– चंद्रपुर जिले में सोने की 2 खदाने पायी गई है, जिससे विदर्भ के लिए स्वर्णिम दौर शुरु होगा.

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