किसानों के लिए शिवसेना के पास कोई नीति ही नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की टिप्पणी
नागपुर/दि.२२ – किसानों के लिए शिवसेना के पास कोई भी भूमिका नहीं (नीति) है. यह भ्रमित हुई पार्टी है. सत्ता में होने के बावजूद भी किसानों की आत्महत्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, ऐसी टिप्पणी विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने की है. वे नागपुर में प्रेस क्लब व्दारा आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे.
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता तथा सांसद संजय राऊत ने कृषि विधेय संमत होने के बाद किसानों की आत्महत्याएं रुकेंगी क्या, फसल को गारंटी दाम मिलेगा क्या, इस बात की सरकार गारंटी देगा क्या, ऐसे प्रश्न पुछे थे. इस संदर्भ में फडणवीस ने बताया कि, शिवसेना की लोकसभा में एक और राज्यसभा में दूसरी भूमिका रहती है. शिवसेना हमारी सरकार के साथ होने के बाद भी उन्होनें विरोधी पार्टी जैेसे भूमिका अपनाई थी. मोदी सरकार ने मंजूर किये दोनों कृषिविधेयक किसानों के फायदे की ही है. इस विधेयक के कारण किसानों को किसी भी जगह खेतमाल की बिक्री करते आयेगी तथा गारंटी दाम भी मिलेगा. निजी क्षेत्र के लोग किसानों से सीधे खेतमाल खरीदी कर सकेंगे. वर्ष २००६ में सत्ता में कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस सरकार रहते समय कंत्राटी खेती के संदर्भ में कानून निर्माण किया था. वह कानून महाराष्ट्र में आज भी जारी है. उसका लाभ महाराष्ट्र के किसानों को हो रहा हैं. केंद्र सरकार ने आज उसी तर्ज पर कानून निर्माण किया तो उसे विरोध क्यों किया जा रहा है. शरद पवार केंद्रा में कृषिमंत्री रहते समय नियुक्त किये गए कृति दल ने भी यह शिफारिश की थी. राहुल गांधी टिप्पणी करने के पहले अपनी पार्टी का वर्ष २०१९ का जाहीरनामा निकाल कर पढे, कांग्रेस ने जो भी आश्वासन दिये, वह मोदी सरकार ने पूरे किये, ऐसा भी दावा पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया.
फोन टैपिंग का अधिकार गृहमंत्री को नहीं
राज्य के गृहमंत्री को फोन टैपिंग के आदेश देने के अधिकार नहीं. इतना ही नहीं तो मुख्यमंत्री को भी यह अधिकार नहीं है. उन्हें जायजा भी नहीं लेते आता. वह अधिकार केवल मुख्य सचिव को ही है. मुख्यमंत्री ने वे अधिकार खूद के पास ना ले. परंतु वे अधिकार खूद के पास रखने की जानकारी मैंने पढी है, ऐसा करना सर्वोच्च न्यायालय के नियमों का उल्लंघन करना है, ऐसा भी फडणवीस ने कहा.