* पंडाल छोटा रहने से धूप खडे रहने मजबूर
मोर्शी/दि.09– मोर्शी से 8 किलोमीटर दूरी पर सालबर्डी तीर्थस्थल है. महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के पर्वतीय गूफा महाशिवरात्रि के दिन भोले शंकर के दर्शन के लिए हजारों भक्त दर्शन के लिए आते है. सालबर्डी में दस दिनों तक यात्रा लगती है. इसलिए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के प्रशासन के तरफ से सभी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. यात्रा के लिये सभी एसटी डिपो से स्पेशल बस सेवा उपलब्ध रहती है. लेकिन यहां आने के लिये पहले मोर्शी गांव में आना पडता है. इस कारण यात्रा के समय मोर्शी डिपो लोगों की भीड रहती है. किंतु इस बार यात्रियों को डिपो में असुविधा का सामना करना पड रहा है.
शिवभक्तों को सुविधा हो इसके लिए मोर्शी डिपों में पंडाल लगाया जाता. तथा भक्तों के लिए बैठने की व्यवस्था व पेयजल की सुविधा के साथ प्रथमोपचार की व्यवस्था की जाती है. लेकिन इस बार डिपो में छोटा पंडाल डालने से यात्रियों को असुविधा हुई. इसी तरह पेयजल की व्यवस्था नहीं, साथही प्रथमोपचार की भी कोई सुविधा नहीं की गई थी. यहां यात्रा के समय कुछ दिन तक रात दिन भक्त आते जाते है, कुछ दिन यात्रा के समय यह डिपो 24 घंटे शुरु रहता है. जिससे मोर्शी डिपो की आय कई गुना बढ जाती है, लेकिन इस बार यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं की जाने का आरोप किया जा रहा है. यात्रा में आनेवाले प्रवासी के लिये कोई सुविधा नही है. सभी यात्रा के लिये दूर दूर आने प्रवासी को इस साल पेंडाल छोटा रहने से महिला और छोटे बच्चे समेत धूप में खडा रहना पड रहा है. यात्रियों को हो रही सुविधा को देखते हुए मोर्शी की डिपो मैनेजर से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि, यह हमारा काम नहीं है. अमरावती डिवीजन ने पेंडाल का ठेका दिया है. हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.