* कथा सुनने महिलाओं की अपार भीड
चांदूर रेलवे/दि.26– चांदूर रेल्वे मे यशवंत लॉन में 24 जुलै दोपहर 2 बजे से शिवमहापुराण कथा हनुमान चालिसा और भजन की प्रस्तुति से शुरू हुई इसमे वृंदावन धाम से पधारे गुरू परम पूज्य शिवम कृष्णाजी महाराज ने व्यासपीठ से पहिले दिन पुराण महात्म्य कथा के वर्णन में कहाँ शौनकजी ने महाज्ञानी सूतजी पूछा इस संसार में सर्वोत्तम पुराण और उसे सुनने मात्र से संपूर्ण दुःख दूर होकर संसार में भक्ति को बढ़ाने वाला तथा शिवजी को संतुष्ट करने वाला अमृत के समान दिव्य शास्त्र है. इस महापुराण को सुनने वाले भक्त महा भाग्यशाली होते हैं.
महाराजजी ने कहा कि शिवमहापुराण यह मनुष्य जीवन में सबसे कल्याणकारी मनुष्य अपने जीवन में जो कार्य करता है वह भगवान शिव की कृपा दृष्टि से करता है.इन चार लाइन में उस का पुरा सार बताया गया है जैसे कि आत्मा त्वं गिरिजा मतिः सहचराःप्राणाः शरीरं गृहम्.पूजा ते विषयोपभोगरचना निद्रा समाधिस्थितिः ..सञ्चारः पदयोः प्रदक्षिणविधिःस्तोत्राणि सर्वा गिरो .यद्यद्कर्म करोमि तत्तदखिलं शम्भो तवाराधनम्..हे शंभो! तुम मेरी आत्मा हो . बुद्धि पार्वती हैं. प्राण आपके गण हैं . शरीर आपका मन्दिर है . सभी विषय भोगों की रचना आपकी पूजा है . निद्रा समाधि है . मेरा हलन चलन आपकी परिक्रमा है . मेरे सभी शब्द आपके स्तोत्र हैं . इस भाँति मेरी सभी क्रियाएँ आपकी आराधना रूप बनें.आपकी सेवा ही मुझे इस संसार में तार सकती हैं. इस लिए सदैव समय निकालकर भगवान की आराधना कर लेना चाहिए जो सत्संग में लीन है उस पर महादेव की कृपा रहती है.शिवपुराण में 24,000 श्लोक हैं, जिसमें सात सहिताए हैं. शिवपुराण परब्रह्म परमात्मा के समान गति प्रदान करने वाला है.चंचुला और बिन्दुग को इस संसार में शिव कृपा से कैसे मुक्ती मिली यह बताकर आरती प्रसाद के साथ पहिले दिन की कथा विराम कर आरती प्रसाद का वितरण किया गया इससमय कथा स्थल पर अधिक से अधिक महिला की उपस्थिति थी.इस शिव कथा से शहर का वातावरण भक्तिमय हुआ है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने गोकुलचंद जालान, मुख्य यजमान नारायण कलावटे, सुनिल भुत, किशोर गंगन, विजय भूत, कन्हैया वाधवानी, नितिन राठी, सुभाष जालान, रमेश उदयपुरिया, गोपाल कलावटे,अशोक जालान, सचिन वर्मा, संजय जालान, विनोद अग्रवाल, महेश कलावटे, गिरधारीलाल भूत, पूरण कलावटे, राजू रॉय, मनीष रॉय, सचिन चंदाराणा, विक्की रॉय, गोलु जालान, सचिन भुत, आशिष जालान तथा समस्त शिवभक्त परीवार के कार्यकर्ता तन-मन-धन से सेवा दे रहे हैं.