विदर्भ

चिकित्सकों की लापरवाही से भाई बहन की मौत

दर्यापुर पुलिस थाने में पालकों ने दर्ज कराई शिकायत

दर्यापुर/प्रतिनिधि दि.२०- दर्यापुर के चिकित्सकों की लापरवाही से ही भाई और बहन की मृत्यु हुई है. इस संबंध की शिकायत दर्यापुर पुलिस थाने में मृतकों के रिश्तेदारों ने दर्ज कराई है. मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस इस मामले में योग्य कार्रवाई करेगी.
मिली जानकारी के अनुसार भातकुली तहसील के बालु हरिसिंग चव्हाण की दो संतान थी. इनमें से बेटा पवन व बेटी स्वाती थिलोरी में रिश्तेदारों के घर बचपन से ही पढाई के लिए रहते थे. बालु हरिसिंग चव्हाण पत्नी के साथ थिलोरी में अपने बच्चों से मिलने के लिए आये थे. 4 सितंबर को मध्यरात्रि में दोनों बच्चों को सांप ने दंश कर लिया. लेकिन दोनों बच्चों को सर्पदंश होने की बात घर के सदस्यों के ध्यान में नहीं आयी. लेकिन बच्चों को जब अचानक पेट दर्द की शिकायत हुई तो उन्हे दर्यापुर के एकता अस्पताल में भर्ती किया गया. रात का समय होने से एकता अस्पताल के कर्मचारियों व्दारा अतिरिक्त फीस भी वसूल की गई. लेकिन डॉक्टरों ने कोई भी समय सूचकता नहीं दिखाते हुए केवल समय बर्बाद करने का काम करते हुए प्रथमोपचार चलाने के लिए अप्रशिक्षित कर्मचारी के भरोसे छोड दिया. दूसरे दिन सुबह तक बच्चों की तबीयत में सुधार नहीं हुई. इस समय डॉक्टरों से पूछताछ करने पर डॉक्टर ने परिजनों को ही फटकारते हुए बच्चों को दूसरे अस्पताल ले जाकर इलाज कराने की सलाह दी व अस्पताल के रात का किराया जमा करने की बात कहते हुए अस्पताल से निकाले जाने का आरोप लगाया. अस्पताल से आते ही दोनों बच्चों की मौत हो गई. एकता अस्पताल के संचालक डॉ.पठान की लापरवाही के चलते ही दोनों बच्चों की मौत हुई है, इसलिए उनके खिलाफ योग्य कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग की गई है.

  • बेवजह बदनाम करने का प्रयास

इस मामले में कोई भी दोष नहीं है फिर भी प्राथमिक उपचार कराकर संपूर्ण हालातों के बारे में रिश्तेदारों को समझाया व तत्काल अन्यत्र लेजाकर उपचार कराने की सलाह दी, लेकिन परिजनों ने ही समय बर्बाद करने का काम किया है. इस मामले में मेरी तरफ से कोई भी लापरवाही नहीं हुई है. बेवजह बदनाम करने के लिए शिकायत देने का प्रयास किया जा रहा है.
– डॉ.आय.एस.पठान,
संचालक एकता अस्पताल

  • समिति का निर्णय आने पर ही कार्रवाई

इस मामले में मृतक बच्चों के पिता की शिकायत प्राप्त हुई है. इस मामले में डॉक्टरों की जिला समिति जांच कर निर्णय लेती है. मेडिकल अधिनियम के अनुसार रिपोर्ट आने के बाद ही अपराध दर्ज किया जाएगा. मामले की जांच की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद ही आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा.
– प्रमेश आत्राम, थानेदार, दर्यापुर

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