बेटे ने पत्थर से पीट-पीट कर पिता को मार डाला
राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी पुलिस ने किया गिरफ्तार, 20 तक पुलिस कस्टडी
* मानसिक बीमार पुत्र को इलाज के लिए ले गए थे राजस्थान
* वरुड के हत्यारे बेटे ने कबुल किया अपराध, बताया चिडकर उठाया घातक कदम
वरुड/ दि.10– वरुड के लक्ष्मी नगर में रहने वाला टाकरखेडे परिवार मानसिक रुप से बीमार रहने वाले पुत्र अभिषेक को इलाज के लिए राजस्थान के कई मंदिरों में दर्शन करने के बाद तीन पहाडी क्षेत्र के भैरव मंदिर में दर्शन करने के लिए गए. मगर अभिषेक ने उसपर तंत्रमंत्र किये जाने की बात से चिडकर सुनसान रोड पर उसके पिता विष्णुपंत टाकरखेडे को पत्थर से पीट-पीट कर मार डाला. इसपर राजस्थान के दौसा जिले स्थित मेहंदीपुर बालाजी पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया. अदालत में पेश करने पर उसे 20 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये है. इस समय उपस्थित उसकी मां और चालक भी विष्णुपंत को नहीं बचा पाये. कल बुधवार के दिन विष्णुपंत टाकरखेडे की लाश वरुड में लायी गई.
विष्णुपंत टाकरखेडे (62, लक्ष्मी नगर, वरुड) यह पुत्र व्दारा पत्थर से पीट-पीट कर मारे गए पिता का नाम है. अभिषेक टाकरखेडे (22) यह पिता की हत्या करने वाले मानसिक बीमार आरोपी बेटे का नाम है. अभिषेक मानसिक बीमार व मतिमंद होने की बात बताई जा रही है. उसकी कथित बीमारी दूर करने के लिए 5 फरवरी को विष्णुपंत टाकरखेडे 55 वर्षीय पत्नी हेमलता व निजी वाहन चालक विजय एकलौते पुत्र अभिषेक को लेकर राजस्थान के दौसा जिले में गए थे. वहां उन्होंने कई मंदिरों में दर्शन किये.
इस दौरान 8 फरवरी को वे मेहंदीपुर बालाजी पुलिस थाना क्षेत्र के भैरव मंदिर में दर्शन के लिए गए थे. वहां अभिषेक पर बेवजह तंत्रमंत्र कर रहे है, ऐसा कहते हुए उसने विरोध करते हुए पत्थर से पीट-पीट कर उसके पिता विष्णुपंत की हत्या कर डाली. अभिषेक भयावह अवतार देखकर हेमलता और विजय के मुंह से एक शब्द तक नहीं निकला. वे अभिषेक पर काबु नहीं पा पाये. सूचना मिलते ही राजस्थान के बालाजी पुलिस थाने के प्रभारी थानेदार गिरीराज के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का पंचनामा करते हुए लाश पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया.
मैं बीमार नहीं इलाज से परेशान हो गया था
बालाजी पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद आरोपी अभिषेक टाकरखेडे को अदालत में पेश किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने अभिषेक को 20 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये हेै. इस दौरान अभिषेक ने पुलिस को दिये बयान में उसके पिता विष्णुपंत की हत्या करने की बात कबुल कर ली है. अभिषेक ने पुलिस को बताया कि, उसे किसी तरह की बीमारी नहीं है, मगर घर के लोग उसे पागल समझते थे. उनके कारण बार-बार किये जा रहे इलाज की वजह से वह परेशान हो गया था. इसी बात से चिडकर उसने पिता को मार डाला, ऐसा भी पुलिस के सामने कबुल किया.
एम्बुलेंस से लाश वरुड लायी
आरोपी बेटे अभिषेक व्दारा पिता विष्णुपंत की हत्या करने के बाद पुलिस ने घटनास्थल का पंचनामा कर लाश पोस्टमार्टम के लिए रवाना की. पोस्टमार्टम के पश्चात पुलिस ने विष्णुपंत की लाश पत्नी हेमलता टाकरखेडे को सौंपी. हेमलता और विजय विष्णुपंत की लाश को एम्बुलेंस में लेकर बुधवार की सुबह 11.30 बजे वरुड स्थित लक्ष्मीनगर पहुंचे. इसके बाद रिश्तेदारों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार की विधि पूरी की गई.
किराना दुकान भी डाली
जानकारी के अनुसार विष्णुपंत टाकरखेडे का अभिषेक एकलौता पुत्र है. अभिषेक को कथित मानसिक बीमारी होने के कारण वे काफी चिंतीत रहते थे. हर संभव इलाज कराने का प्रयास किया. अभिषेक को किराना दुकान भी डालकर दी थी. मगर अभिषेक के कथित पागलपन से उसके पिता को जान गवाना पडा.