विदर्भ

सोनखास का जवान अमोल गोरे शहीद

दो साथियों को बचाते समय वीरगति पायी

वाशिम/ दि. 19- अरूणाचल प्रदेश के कमिंग वेली में चीन की सीमा पर देश की रक्षा करते समय 17 अप्रैल की दोपहर 4.30 बजे वाशिम तहसील के सोनखास में रहनेवाला भारतीय सेना का जवान अमोरे गोरे शहीद हो गया. अमोल गोरे और उसके दो साथी जवान चीन की सीमा पर गश्त लगा रहे थे. उस समय कमिंग वेली में मूसलाधार बारिश और तेज हवा बह रही थी.
इस बीच पानी का भारी प्रवाह उनकी दिशा में आया. इस प्रवाह में अमोल और उसके दो साथी जवान बह रहे थे. ऐसे में अमोल ने अपनी जान की परवाह न करते हुए पानी के प्रभाव से उन्हें बचाते वक्त प्रवाह में अमोल के सिर पर एक बडा पत्थर जा लगा. जिसके कारण अमोल शहीद हो गया. मगर दुनिया से रूख्सत होने से पहले अमोल ने अपने दो साथियों को बचाने में सफलता हासिल की. परंतु देश की सुरक्षा के लिए तैनात अमोल गोरे वीर गति को प्राप्त हुआ.
वर्ष 2010 में अमोल भारतीय सेना में भर्ती हुआ था. किसान परिवार में जन्म लेनेवाले अमोल का विवाह वैशाली के साथ वर्ष 2016 में हुआ. अमोल ने सेना में रहते समय तैरने का प्रशिक्षण भी लिया था वह काफी उम्दा तैराक था. अमोल के पश्चात पत्नी वैशाली दो बच्चे, किसान पिता तानाजी गौरे, मां, एक भाई, एक बहन ऐसा परिवार है. अमोला का पार्थिव कल रात 2 बजे हवाईजहाज से गुहाटी से पुणे पहुंचाया गया. पूना पहुंचते ही सेना की ओर से मानवंदना देने के बाद लश्कर के वाहन से अमोल का पार्थिव वाशिम तहसील के सोनखास आज सुबह पहुंचाया. शहीद अमोल गोरे के पार्थिव पर सोनखास मूलगांव में सरकारी इंतजाम के बीच अंतिम संस्कार किया गया.

 

 

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