विदर्भ

धामणगांव में सोयाबीन की आवक बढ़ी

अब तक 20 हजार क्विंटल तक खरीदी-बिक्री का व्यवहार

धामणगांव रेलवे/दि.2 – खरीफ की मुख्य फसल और किसानों के लिए पीला सोना के रूप में पहचाने जानेवाला सोयाबीन अब किसानों के घर पहुंचा है. दिवाली का पर्व संपन्न होते ही यहां के कृषि उपज बाजार समिति में तहसील के किसानों द्वारा सोयाबीन कृषिमाल की आवक बडे़ पैमाने पर बढ गई है. अब तक 20 हजार क्विंटल सोयाबीन की खरीदी हुई है. खरीफ सत्र की महत्वपूर्ण फसल यानी सोयाबीन और कपास इस वर्ष बेमौसम बारिश के वजह से खराब हुई थी.जिसके कारण इन फसलों को उत्पादन भी घटा है. किसानों को होनेवाला फायदा कम हुआ है. इसलिए सोयाबीन तथा कपास उत्पादक किसान दाम कब बढेंगे, इसके इंतजार में थे. दिवाली के मुहाने पर दाम न्यूनतम स्तर पर स्थिर हुए थे. जिसकी वजह से आवक भी घटी थी. दिवाली के बाद मंगलवार 1 नवंबर को सोयाबीन के दाम 4400 से 5050 थे. तथापि रोजाना लगभग दो से ढाई हजार क्विंटल सोयाबीन की आवक हो रही है.किसानों ने निजी व्यापारियों को परस्पर कृषि उपज की बाहर बिक्री न करते हुए बाजार समिति में ही बिक्री के लिए लाने का आवाहन बाजार समिति के प्रशासक भालचंद्र पारिसे व सचिव दिनेश गोमासे ने किया है.

किसान योजना के लें लाभ

कृषि उपज गिरवी कर्ज योजना अंतर्गत किसान भाईयों को बाजार समिति के गोडाऊन में गिरवी रखे उपज की कुल किमत के 75 प्रतिशत रकम कर्ज के तौर पर दी जाती है. यह रकम कुल 6 महिने के लिए किसानों को उपलब्ध होती है. इस कर्ज की खासियत यह है कि, किसान भाईयों के कृषि उपज को गोडाऊन किराया, बीमा, देखभाल खर्च नहीं लगता. यह सभी खर्च बाजार समिति उठाती है. इसलिए किसान कृषि उपज गिरवी कर्ज योजना का लाभ लें.
-दिनेश गोमासे, सचिव

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