विदर्भ

विश्व पुस्तक दिन पर विशेष

श्रीकांत जिचकार की करीबन 52 हजार अमूल्य पुस्तकों का परिवार द्वारा जतन

* धर्म, विज्ञान, राजनीति की पुस्तकों का समावेश
नागपुर/दि.23- ज्ञानयोगी दिवंगत डॉ. श्रीकांत जिचकार विलक्षण प्रतिभा के लिए संपूर्ण महाराष्ट्र में सुप्रसिद्ध थे. अद्भुत प्रतिभा प्राप्त डॉ. जिचकार उत्तम वाचक, पुस्तक संग्राहक व अभ्यासपूर्ण भाषण के लिए प्रसिद्ध थे. उनके वयक्तिक ग्रंथालय में 52 हजार पुस्तकों का संग्रह था. उनका यह ग्रंथ संग्रह फिलहाल मुंबई, दिल्ली व नागपुर के घर में है इस संग्रह में धर्म,अध्यात्म, ज्ञान, विज्ञान, समाजकारण, राजनीति, प्रशासन, भारत का प्राचीन इतिहास, संस्कृति व पुरातत्व व मानस शास्त्र आदि विविध विषयों की पुस्तकों का समावेश होने की जानकारी उनकी पत्नी राजश्री जिचकार ने दी.
अल्पावधि में मिली बहुआयामी सफलता के कारण श्रीकांत जिचकार संपूर्ण महाराष्ट्रभर में प्रसिद्ध थे. उन्होंने शुरुआत में एमबीबीएस किया. पश्चात उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कानून विषय लेकर एलएलएम पदवी हासिल की. उन्होंने 1990 तक कुल 42 विद्यापीठों की परीक्षा दी. इनमें से 28 परीक्षाओं में स्वर्ण पदक, अन्य परीक्षाओं में फर्स्ट क्लास हासिल किया. जिचकार ने प्राप्त की अधिकांश उपाधि प्रथम श्रेणी में हासिल की है. उनका नाम भारत के सबसे अधिक शिक्षित व्यक्ति के रुप में लिया जाता है. उनके वैयक्तिक ग्रंथालय में करीबन 52 हजार पुस्तकों का संग्रह है. इन अनमोल पुस्तकों का जतन परिजनों ने किया है.

आइएएस व आइपीएस परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी
जिचकार ने हासिल की हुई 20 उपाधियों में एमबीबीएस व एमडी, एलएलबी, एलएलएम, डीबीएम, एमबीए, जर्नालिझम का समावेश है. जिचकार ने 10 विषयों में एम.ए. किया था. इनमें लोकप्रशासन, समाजशास्त्र,अर्थशास्त्र,संस्कृत,इतिहास, अंग्रेजी साहित्य, तत्वज्ञान, पुरातत्व, मानसशास्त्र का समावेश है. जिचकार ने संस्कृत में डी.लिट. की पदवीं हासिल की थी. वे आइपीएस (इंडियन पुलिस सर्विस) व आइएएस (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) भी थे.

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