नागपुर/दि.10– सर्वाधिक व्यस्त समझे जाने वाले नागपुर-अमरावती मार्ग पर करीबन महीनेभर बाद बस रवाना हुई. यह एक शुभ संकेत माना जा रहा है.
राज्य सरकार में विलीनीकरण करने की मांग के लिए 8 नवंबर से एसटी कर्मचारियों की हड़ताल जारी थी. जिसके चलते इस दिन से बसेस के पहिए रुके थे. नागपुर से अमरावती के लिए सर्वाधिक बसेस छोड़ी जाती है. क्योंकि इस मार्ग पर यात्रियों की हमेशा भीड़ होती है. मात्र बसेस बंद होने से सर्वसामान्य यात्रियों की बड़े पैमाने पर असुविधा हो रही थी. राज्य सरकार ने कर्मचारियों की पगार वृद्धि कर हड़ताल पीछे लेने का आवाहन किया था. लेकिन हमारी हड़ताल पगार वृद्धि के लिए नहीं बल्कि विलीनीकरण के लिए है, ऐसा बताते हुए कर्मचारी अडिग रहे. शुरुआत में भाजपा के कुछ नेता इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. मात्र सरकार ने पगार वृद्धि का निर्णय लेने के बाद वे भी आंदोलन से पीछे हटे थे. कोई भी सक्षम नेतृत्व न रहते हुए भी आंदोलक स्वयंस्फूर्ति से हड़ताल पर कायम रहे. इस कारण प्रशासन की ओर से हड़ताल पर रहे कर्मचारियों का निलंबन शुरु किया गया. कुछ कर्मचारियों की बदली की गई. जिससे राज्य के कुछ आगारों में कर्मचारी काम पर लौटे.
नागपुर विभाग में मात्र बसेस ठप ही थी. सोमवार से नागपुर के प्रशासन ने भी जिले के जिले में बसेस का यातायात शुरु किया. पश्चात रोज 20 से 25 फेरियां दौड़ रही है. नागपुर से बाहर सिर्फ भंडारा में बस गई थी. मात्र गुरुवार को अमरावती से नागपुर बस आयी और वहीं बाद में नागपुर से अमरावती के लिए रवाना हुई. इन दोनों फेरियों को यात्रियों ने उत्तम प्रतिसाद दिए जाने की जानकारी एसटी के विभाग नियंत्रक नीलेश बेलसरे ने दी.ss