विदर्भ

‘उस’ विद्यार्थी को एसटी कोटे से दिया जाये प्रवेश

हाईकोर्ट ने राज्य सीईटी सेल आयुक्त को दिया आदेश

नागपुर प्रतिनिधि/दि.21 – कानूनी लडाई के चक्कर में किसी विद्यार्थी पर अन्याय नहीं होना चाहिए. ऐसे में अभिषेक सतीश बाखडे नामक पीडित विद्यार्थी को फिलहाल अनुसूचित जमाति यानी एसटी कोटे से कंप्यूटर इंजिनिअरींग पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाये. इस आशय का आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा महाराष्ट्र राज्य के सीईटी सेल को दिया गया.
जानकारी के मुताबिक अमरावती जिले के अचलपुर निवासी अभिषेक बाखडे नामक विद्यार्थी को बिबवेवाडी (पुणे) के विश्वकर्मा इन्स्टिटयूट ऑफ टेक्नॉलॉजी नामक महाविद्यालय आवंटित हुआ है. अभिषेक ने कक्षा 12 वीं में रहते समय 4 सितंबर 2019 को हलबी-अनुसूचित जमाति की जातिवैधता प्रमाणपत्र हेतु दावा दाखिल किया था. जिसके साथ स्वाधीनता पूर्व काल के दस्तावेज एवं चचेरी बहन के जातिवैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किये थे. लेकिन इसके बावजूद अभिषेक के परदादा की जाति कोष्टी दर्ज रहने के चलते अभिषेक के दावे को 15 जनवरी 2021 को खारिज कर दिया गया. जिसकी वजह से उसका अभियांत्रिकी में प्रवेश दिक्कत में फंस गया. पश्चात उसने एड. शैलेश नारनवरे के मार्फत उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. इस याचिका पर न्या. नितीन जामदार व न्या. अनिल किलोर के समक्ष सुनवाई हुई. जिसमें एड. नारनवरे ने न्यायालय को बताया कि, जातिवैधता समिती द्वारा इस मामले में गंभीर किस्म की चूक हुई है. अभिषेक की चचेरी बहन सोनल बाखडे को उच्च न्यायालय के आदेश पर 21 सितंबर 2016 को हलबी अनुसूचित जमाति को वैधता प्रमाणपत्र दिया गया है. साथ ही अपूर्वा निचले मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिये गये निर्णयानुसार विशिष्ट जाती का वैधता प्रमाणपत्र प्राप्त रहनेवाले व्यक्ति के रक्त संबंध में रहनेवाले अन्य व्यक्तियों को समान जाति का वैधता प्रमाणपत्र देने से इन्कार नहीं किया जा सकता. इस युक्तिवाद पर न्यायालय ने प्रथमदृष्टया समाधान व्यक्त करते हुए याचिकाकर्ता अभिषेक बाखडे को राहत प्रदान की है. साथ ही अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र जांच समिती, राज्य सीईटी सेल तथा विश्वकर्मा इन्स्टिटयूट को नोटीस जारी करते हुए अभिषेक की याचिका पर दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने निर्देश भी दिया है. याचिकाकर्ता अभिषेक ने मांग की है कि, समिती के विवादास्पद निर्णय को रद्द कर उसे हलबी अनुसूचित जमाति का जातिवैधता प्रमाणपत्र जारी किया जाये.

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