विदर्भ

राज्य सरकार न करें सीटी स्कैन की दरें नियंत्रित

हाईकोर्ट में याचिका : सरकार के जीआर पर स्थगन लगाने की मांग, ६ अक्टूबर को सुनवाई

नागपुर प्रतिनिधि/दि.१ – राज्य सरकार ने कोविड और नॉन-कोविड, मरीजों के सीटी स्कैन की दरें तय कर रखी हैं. इस संदर्भ में राज्य सरकार ने जीआर जारी किया है. जिसे द इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेqजग एसोसाएशन की नागपुर शाखा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिकाकर्ता ने इस जीआर पर स्थगन लगाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की है. याचिकाकर्ता के अनुसार, राज्य सरकार ने १५ सितंबर को कोविड और नॉन-कोविड मरीजों के सीटी स्कैन की दरें निश्चित करने के लिए समिति गठित की. इसमें सभी प्रशासकीय अधिकारियों का समावेश था, लेकिन इसमें रेडियोलॉजिस्टों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक भी सदस्य नहीं है. समिति द्बारा की गई सिफारिशें अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है. इन्हीं सिफारिशों के आधार पर २४ सितंबर को राज्य सरकार ने जीआर जारी करके सीटी स्कैन की दरें तय कर दी. याचिकाकर्ता के अनुसार, यह फैसला लेते वक्त उनका पक्ष न सुनना सरकार की बडी गलती है.

इन मुद्दों का नहीं रखा ध्यान
प्रदेश में आमतौर पर १६ से ६४ स्लाइस क्षमता की मशीन हाई रिजॉल्यूशन सीटी स्कैन के लिए इस्तेमाल की जाती है. मशीन की क्षमता के अनुसार सीटी स्कैन की दरें तय होती हैं. १६ स्लाइस से कम क्षमता की मशीन से लिए गए स्कैन के लिए २ हजार रुपए, १६ से ६४ स्लाइस वाली मशीन के लिए २५०० रुपए और ६४ स्लाइस से अधिक की मशीन से सीटी स्कैन के लिए ३ हजार रुपए लिए जाते है.

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