विदर्भ

राज्य का बिजली संकट टला

औष्णिक विद्युत केंद्र ने भरे पैसे

  • वेकोली ने की थी कोयला आपूर्ति बंद

नागपुर/प्रतिनिधि दि.२७ – राज्य में विद्युत निर्मिति करने वाले औष्णिक केंद्रों को नागपुर के वेस्टर्न कोल फिल्ड कंपनी ने कोयले की आपूर्ति बंद करने से यह केंद्र संकट में आ गए है. किंतु औष्णिक विद्युत केंद्र ने उसके बाद तत्काल बकाया रकम अदा करने से राज्य पर मंडराया बिजली संकट अब टल गया है.
22 मार्च के डेढ बेजे की स्थिति के अनुसार राज्य की बिजली की कुल मांग 22 हजार 980 मेगावैट थी. इसी दिन राज्य की बिजली निर्मिति मात्र 16 हजार 132 मेगावैट थी. राज्य में महानिर्मिति के सात औष्णिक केंद्र है. इन सात औष्णिक केंद्र से महावितरण को विद्युत आपूर्ति की जाती है. पिछले कई दिनों से महावितरण के पास जनवरी में तकरीबन 10 हजार करोड रुपए बिजली आपूर्ति के बकाया है. वह अभी तक महानिर्मिति को नहीं मिले. बिजली निर्मिति के लिए वेकोली (विदर्भ) शिंगरानी (हैदराबाद), साउथ इस्टर्न कोल (उडिसा), महानदी कोल उडिसा आदि कोयला उत्पादन करने वाली कंपनियों से कोयले की खरीदी की जाती है. किंतु नागपुर के वेकोली ने पैसे न देने से कोयला आपूर्ति बंद किये जाने की जानकारी सामने आयी है. जिससे औष्णिक केंद्र संकट में आया था. महानिर्मिति को हर रोज 1 लाख टन कोयला बिजली निर्मिति के लिए लगता है. सर्वाधिक कोयला इसी कंपनी व्दारा आपूर्ति किया जाता है. उसी कंपनी ने कोयला आपूर्ति रोकने से बिजली निर्मिति करने वाली नाशिक, भुसावल, परली व कोराडी औष्णिक केंद्र संकट में घिरे थे. विशेष यह कि कोराडी, भुसावल, परली व नाशिक आदि चार औष्णिक केंद्र में डेढ से तीन दिन इतना तथा चंद्रपुर, खापरखेडा व पारस आदि तीन औष्णिक केंद्र में 8 से 10 दिन का ही कोयले का साठा शेष था. जिससे महानिर्मिति की ओर से वेकोली की बकाया तत्काल दी गई.

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