विदर्भ

नागपुर में ही रहेगा राज्य दवा भंडार

7 करोड़ से निर्माण होगी नई इमारत : शीघ्र ही 22 जिलों को दवा की आपूर्ति

नागपुर/दि.14- राज्य क्षयरोग नियंत्रण व प्रशिक्षण केंद्र नागपुर के राज्य औषधी भांडार की इमारत शिकस्त होने से निर्माणकार्य विभाग ने इमारत गिराने के निर्देश दिये हैं. जिसके चलते वहां से 22 जिलों को होने वाली क्षयरोग दवाओं की आपूर्ति ठप पड़ने की संभावना थी. लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग के उपसंचालक कार्यालय परिसर में (माता कचहरी) जगह उपलब्ध होने से राज्य का यह औषधी भांडार नागपुर में ही रहेगा.
दिनों दिन टीबी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र मेंं 2017 में 1,64,743 मरीज थे. अब यह आकड़ा 3 लाख के करीब पहुंच गया है. क्षयरोग यह औषधोपचार से ठीक होता है. 9 महीने से लेकर डेढ़ वर्ष तक कैंसर बीमारी पर नियमित औषधोपचार आवश्यक है. बीच में ही दवा बंद किए जाने से शरीर के जंतू टीबी के दवाईयों को फिर से दाद नहीं देते. इस पर से नागपुर के राज्य औषधी भांडार का महत्व समझता है. लेकिन मेडिकल के टीबी वार्ड परिसर की भंडार की इमारत खराब होने से निर्माणकार्य विभाग ने इमारत खाली कराने की नोटीस भेजी है. जिसके चलते विगत पांच महीनों से नई जगह की खोजबीन जारी है. आखिरकार माता कचहरी कार्यालय के परिसर में जगह उपलब्ध हुई है. दरमियान निर्माणकार्य विभाग ने शिकस्त इमारत की डागडुजी करवाई. जिसके चलते नई इमारत निर्माण होने तक औषधी भांडार का कामकाज पुरानी इमारत से ही किया जाएगा.
* नए निर्माणकार्य के लिए भेजा प्रस्ताव
सहायक संचालक (क्षयरोग) डॉ. विजय डोईफोडे ने बताया कि राज्य क्षयरोग नियंत्रण व प्रशिक्षण केंद्र नागपुर की ओर से स्वास्थ्य सेवा के राज्य औषधी भंडार से विदर्भ सहित मराठवाड़ा केक जिलों को डॉट प्लस दवाओं की आपूर्ति की जाती है. 2011 से दवा भंडार व प्रयोगशाला मेडिकल के टीबी वार्ड परिसर में कार्यरत है. इमारत शिकस्त होने से 7 करोड़ 30 लाख अपेक्षित खर्च वाली इमारत का प्रस्ताव शासन को भेजा है. जिसके चलते शीघ्र ही माता कचहरी परिसर में भंडार स्थलांतरित होगा. लेकिन क्षयरोग की प्रयोगशाला टीबी वार्ड परिसर में ही कार्यरत रहेगी.

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