
नागपुर /दि.26– अक्षय तृतीया पर बालविवाह बडी संख्या में होते है, उसे रोकने की जिम्मेदारी प्रशासन के हर किसी अधिकारी व कर्मचारी की है. जिले में अक्षय तृतीया के दिन कोई बालविवाह नहीं होगा. इस बाबत जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर ने सभी अधिकारियों को सूचना दी है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनी ने इस बाबत अधिसूचना जारी की है.
अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर होने वाले बालविवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन सुसज्ज है. जिलाधिकारी ने बालविवाह करने वालों पर कडी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. बालविवाह करवाने वालों को बख्शा नहीं जाएंगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. बालविवाह प्रतिबंध अधिनियम 2006 की धारा 16 (1) के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामसेवक और शहरी इलाके में बालविकास प्रकल्प अधिकारी की बालविवाह प्रतिबंध अधिकारी के रुप में नियुक्ति की गई है. भारतीय संस्कृति में विवाह यह महत्व की सामाजिक क्रिया है. शुभ मुहूर्त पर विवाह विधि की जाती है. अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर सामूदायिक व एकल विवाह समारोह आयोजित किया जाता है. इस कारण जिले में बालविवाह न होने के लिए जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर ने उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिये है.
* नागरिक रहे सतर्क
नागरिकों ने बालविवाह रोकने के लिए चाइल्ड हेल्प लाइन टोल फ्री नंबर 1098 अथवा 112 पर जानकारी देनी चाहिए. नागरिकों को सतर्क रहकर बालविवाह रोकने के लिए प्रशासन को सहयोग करने का आवाहन जिला प्रशासन ने किया है.
* तीन वर्ष में 39 बालविवाह रोके
नागपुर जिले में तीन साल में 39 प्रकरणों में बालविवाह रोकने की कार्रवाई की गई है. 9 प्रकरणों में बालविवाह प्रतिबंध अधिनियम 2006 व बालकों के लैंगिक अपराध से संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत मामले दर्ज किये गये है.
– मुश्तफा पठान,
जिला बाल संरक्षण अधिकारी,
नागपुर.